-लम्बे समय तक लखनऊ रहा उनका केन्द्र
लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री रहे ओम प्रकाश गर्ग का शनिवार को पटना में निधन हो गया। उन्होंने देहदान का संकल्प ले रखा था इसलिए रविवार को पटना में उनका देहदान किया जायेगा।
ओम प्रकाश गर्ग मूलरूप से गाजियाबाद जिले के मोरटा गांव के रहने वाले थे। वह बिहार के प्रान्त प्रचारक भी रहे। आज बिहार में जो संघ कार्य है उसके पीछे ओमप्रकाश गर्ग का बड़ा योगदान है। नेपाल राष्ट्र का भी ओम प्रकाश गर्ग के पास दायित्व रहा। नेपाल में एकल विद्यालय खुलवाने में उनकी बड़ी भूमिका रही।
अपने लिए कुछ नहीं समाज के लिए सब कुछ करना ऐसा उनका मानना था। वह व्यक्ति को नहीं संगठन को महत्व देते थे। सादगी और सरलता में तो उनका सानी नहीं था। चारबाग से ट्रेन से उतरकर भारती भवन जाना उनका स्वभाव था। वह कहते थे कि हमारे ऋषि मुनियों का जीवन समाज के लिए था।
सब कुछ हमें समाज ने दिया है तो हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम भी समाज के लिए कुछ करें। 90 वर्ष की आयु में वह जनरल डिब्बे में यात्रा करते थे। वह जब भी लखनऊ आते थे तो भारती भवन, केशव भवन और नवीन मार्केट जरूर जाते थे। उनके कानों पर बाल इतने बड़े थे कि उन्हें लोग कानों की मूछों वाले बाबू कहते थे।
गोखले जी की प्रेरणा से संघ के प्रचारक बने
गाजियाबाद में हाईस्कूल की पढ़ाई के दौरान उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सम्पर्क हुआ। आगे की पढ़ाई के लिए वह कानपुर आ गये। कानपुर में डीएवी में पढ़ाई के दौरान छात्रावास में रहते हुए ओम प्रकाश गर्ग का सम्पर्क संघ के वरिष्ठ प्रचारक अनंत रामचन्द्र गोखले से हुआ।
इसके बाद वह संघ के शाखा में नियमित जाने लगे। गोखले के प्रयास से उन्होंने 1946 में संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष और 1947 में संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद कुछ समय कन्नौज के एक विद्यालय में अध्यापन कार्य किया। 1947 में नवम्बर में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक निकले।
पहले फर्रुखाबाद में नगर प्रचारक रहे फिर फर्रुखाबाद जिला के जिला प्रचारक रहे। 1954 में वह लखनऊ आ गये। लखनऊ महानगर के जनसंघ के संगठन मंत्री भी रहे। उस दौरान पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन सभासद हुआ करते थे। भाऊराव देवरस से उनकी बड़ी निकटता थी। आगरा महानगर प्रचारक भी रहे। इसके बाद 1985 से 1991 तक बिहार के प्रान्त प्रचारक रहे।
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सीमा जागरण मंच का भी उनके पास दायित्व रहा
नेपाल राष्ट्र का भी ओम प्रकाश गर्ग के पास दायित्व रहा। वहां पर अथक परिश्रम करके संघ का कार्य खड़ा किया। नेपाल में एकल विद्यालय खुलवाने में उनकी बड़ी भूमिका रही। सीमा जागरण मंच के अशोक केड़िया ने बताया कि ओम प्रकाश गर्ग के पास कुछ समय तक सीमा जागरण मंच का भी काम रहा।
राजधानी लखनऊ में काफी समय तक वह रहे। पहले संघ के प्रान्तीय कार्यालय भारती भवन में रहे। लखनऊ के कैसरबाग स्थित नवीन मार्केट 01 में जहां पर वर्तमान में हिन्दुस्थान समाचार एजेंसी का कार्यालय हैं वहां पर कई वर्षों तक वह रहे। जबतक उनके पास नेपाल राष्ट्र का काम था उस समय भारत में उनका केन्द्र नवीन मार्केट 01 नंबर में ही था। यही कारण रहा है कि देशभर से उनके बहुत से पत्र इसी पते पर आते थे।