- रेलवे में नौकरी दिलाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह की मिली जानकारी - मुख्य सरगना सहित अन्य जालसाज पकड़ से दूर, तलाश में जुटी टीमें - पकड़े गए सभी आरोपियों के पास मिले आईडी कार्ड व जाली नियुक्ति पत्र
उत्तर प्रदेश के कानपुर सेंट्रल स्टेशन में नौकरी दिलाने व फर्जी टीटीई से स्टेशनों पर यात्रियों से वसूली करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश जीआरपी व आरपीएफ ने किया है। संयुक्त टीमों ने स्टेशन पर यात्रियों से टिकट चेकिंग के नाम पर वसूली करते एक नहीं 16 फर्जी टीटीई को पकड़ा गया है। आरोपियों के कब्जे से जाली आईडी कार्ड के साथ फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद हुए हैं। सभी से पूछताछ में खुद को नौकरी लगने व ट्रेनिंग करने की बात कही जा रही है। फिलहाल टीमें फर्जी टीटीई की नियुक्ति करने वाले गिरोह के मास्टर माइंड समेत गिरोह के पूरे नेटवर्क से जुड़े शातिरों की तलाश में जुट गई है।
कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर गुरुवार को अचानक उस वक्त सरगर्मी बढ़ गई जब रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) व राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के जवानों को पता चला कि स्टेशन पर एक फर्जी टीटीई यात्रियों की चेकिंग कर रहा है। एसआईटी सुनील पासवान की शिकायत पर आरपीएफ व जीआरपी की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची और संदिग्ध टीटीई को पकड़ लिया गया। पूछताछ में उसने खुद को रेलवे का आई कार्ड व नियुक्ति पत्र दिखाते हुए स्टेशन पर ट्रेनिंग किए जाने की बात कही। यही नहीं उसने नई नियुक्ति होने वाले स्टेशन पर एक नहीं अपने साथ 15 अन्य लोगों के चेकिंग करने की जानकारी दी।
कानपुर सेंट्रल स्टेशन के TTE के एक साथ होने का पता चलते ही अफसरों के उड़ गए होश
फर्जी नियुक्ति के साथ स्टेशन पर 16 जाली टीटीई के एक साथ होने का पता चलते ही अफसरों के होश उड़ गए। आरपीएफ व जीआरपी के जवानों ने अलग-अलग प्लेटफार्मों से सभी को दबोच लिया और पूछताछ के लिए जीआरपी थाने ले आए। गहन पूछताछ में पता चला कि रेलवे में नौकरी दिलाने वाले अन्तरराज्यीय गिरोह सक्रिय है और उसने ही अपने झांसे में लेकर फर्जी दस्तावेज बनाकर रुपये लेकर नियुक्ति पत्र व आई कार्ड देकर सभी को ट्रेनिंग के नाम पर सेन्ट्रल स्टेशन पर चेकिंग करने भेजा था।
पकड़े गए फर्जी टीटीई गिरोह का खुलासा करते हुए देर शाम क्षेत्राधिकारी जीआरपी कमरूल हसन ने बताया कि एसआईटी सुनील पासवान की शिकायत पर एक जालसाज टीटीई दिनेश कुमार पुत्र रामखिलावन निवासी अजबपुर खुर्द थाना नेहरू कालोनी जनपद देहरादून को पकड़ा गया है। उसकी निशानदेही पर 15 और फर्जी युवकों को पकड़ा गया है। यह सभी रेलवे के फर्जी दस्तावेजों से सहारे यात्रियों से वसूली करते पकड़े गए हैं। एसआईटी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करते हुए मामले में कार्यवाही की जा रही है।
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राजधानी लखनऊ में बैठकर मास्टर माइंड चला रहा है गिरोह
फर्जी टीटीई मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला है कि रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ा गिरोह चलाया जा रहा है। इस गिरोह का मास्टर माइंड मूलरुप से इटावा का रहने वाला हाल पता लखनऊ निवासी रुद्र प्रताप है। जीआरपी क्षेत्राधिकारी कमरुल हसन ने बताया कि मास्टर माइंड रुद्र प्रताप व इस पूरे नेटवर्क में शामिल अन्य सदस्यों के बारे में गिरफ्तार अभियुक्तों से अहम जानकारियां मिली है। जिसके आधार पर उन्हें पकड़ने के लिए टीमों को लगाया गया है। जल्द ही उनकी गिरफ्तारी करते हुए पूरे गिरोह का खुलासा किया जाएगा।
इनकी हुई गिरफ्तारी:
देहरादून के नेहरू कालोनी स्थित अजबपुर निवासी दिनेश कुमार पुत्र रामखिलावन, यासिर अराफात हरिद्वार, अभिषेक फर्रुखाबाद, अंकुर कुमार हरिद्वार, मानस द्विवेदी कानपुर, अनुज प्रताप फर्रुखाबाद, नमित साहू कानपुर, पवन यादव बलिया, पवन गुप्ता कानपुर, जीतू यादव उन्नाव, आनन्द कुमार उन्नाव, प्रदीप कुमार हमीरपुर, गौरव कटियार कानपुर, ब्रिजलाल प्रयागराज, बंशगोपाल कानपुर, शिव नारायण रायबरेली को पकड़ा गया है। इन सभी ने रेलवे में फर्जी नौकरी दिलाने वाले गिरोह के सम्पर्क में आए थे। सभी ने मोटी रकम देकर नियुक्ति पाने की जानकारी पूछताछ में दी है।
गिरफ्तार करने वाली टीम में आरपीएफ इंस्पेक्टर पीके ओझा, जीआरपी इंस्पेक्टर अजीत कुमार सिंह के साथ उप निरीक्षक कीर्ती प्रकाश कनौजिया थाना जीआरपी, एएसआई राम आरपीएफ साथ ही अन्य जीआरपी व आरपीएफ पुलिस टीम शामिल रही।