30.9 C
New Delhi
June 26, 2025
देश

अब आसानी से जा सकेंगे बदरीनाथ धाम, यात्री नहीं होंगे परेशान

बदरीनाथ धाम- 'लामबगड़ स्लाइड जोन’ का हुआ स्थायी ट्रीटमेंट, महज दो वर्ष में पूरा हुआ प्रोजेक्ट 

देहरादून: उत्तराखंड की त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार ने डोबराचांटी पुल के बाद एक और ऐसे प्रोजेक्ट का काम पूरा कर लिया है, जो बीते 26 वर्ष से अटका हुआ था। बदरीनाथ धाम की यात्रा में नासूर बने ‘लामबगड़ स्लाइड जोन’ का स्थायी ट्रीटमेंट कर लिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र की इच्छाशक्ति और सख्ती की बदौलत यह प्रोजेक्ट महज दो वर्ष में ही पूरा हो गया। तकरीबन 500 मीटर लम्बे स्लाइड जोन का ट्रीटमेंट 107 करोड़ की लागत से किया गया। अब बदरीनाथ धाम की यात्रा निर्बाध हो सकेगी, जिससे तीर्थयात्रियों को परेशानियों से निजात मिलेगी।

बदरीनाथ धाम

सीमांत जनपद चमोली में 26 साल पहले ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाइवे पर पाण्डुकेश्वर के पास लामबगड़ में पहाड़ के दरकने से स्लाइड जोन बन गया। हल्की सी बारिश में ही पहाड़ से भारी मलबा सड़क पर आ जाने से हर साल बदरीनाथ धाम की यात्रा अक्सर बाधित होने लगी। उत्तराखंड में लगभग 500 मीटर लम्बा यह जोन यात्रा के लिए नासूर बन गया।

पिछले ढाई दशक में इस स्थान पर खासकर बरसात के दिनों मे कई वाहनों के मलबे में दबने के साथ ही कई लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। करोड़ों खर्च होने पर भी इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा था। पूर्व मे जब लामबगड़ में बैराज का निर्माण किया जा रहा था, तब जेपी कंपनी ने इस स्थान पर सुरंग निर्माण का प्रस्ताव रखा लेकिन उस वक्त यह सड़क बीआरओ के अधीन थी। बीआरओ ने भी सुरंग बनाने के लिए हामी भर दी थी लेकिन दोनों के एस्टीमेट कास्ट मे बड़ा अंतर होने के कारण मामला अधर मे लटक गया था।

लामबगड़ स्लाइड जोन में हाइवे का मिट गया नामोनिशान

इसके बाद वर्ष 2013 की भीषण आपदा में लामबगड़ स्लाइड जोन में हाइवे का नामोनिशान मिट गया। तब सड़क परिवहन मंत्रालय ने लामबगड़ स्लाइड जोन के स्थाई ट्रीटमेंट की जिम्मेदारी नेशनल हाइवे एनएच पीडब्ल्यूडी को दी। एनएच से विदेशी कम्पनी मैकाफेरी नामक कंपनी ने यह कार्य लिया।

फॉरेस्ट क्लीयरेंस समेत तमाम अड़चनों की वजह से ट्रीटमेंट का यह काम धीमा पड़ता गया। वर्ष 2017 में त्रिवेन्द्र सरकार के सत्ता में आते ही ये तमाम अड़चनें मिशन मोड में दूर की गईं और दिसम्बर 2018 में प्रोजेक्ट का काम युद्धस्तर पर शुरू हुआ। महज दो वर्ष में अब यह ट्रीटमेंट पूरा हो चुका है। अगले 10 दिन के भीतर इसे जनता के लिए समर्पित कर दिया जाएगा। इसे त्रिवेन्द्र सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक माना जा रहा है।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड आपदा : सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने याद रखा 2013 का सबक

Related posts

देश में 52वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के लिए मीडिया रजिस्ट्रेशन शुरू

Buland Dustak

इंदौर के 56 दुकान और सराफा बाजार को मिले क्लीन स्ट्रीट फूड हब के टैग

Buland Dustak

सेना भर्ती घोटाला: 6 लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 17 अफसरों पर FIR

Buland Dustak

राहुल ने इंदिरा गांधी की जयंती पर दी श्रद्धांजलि, बताया ‘शक्ति का स्वरूप’

Buland Dustak

स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 : आयुक्त ने ली स्वयंसेवी संगठनों की बैठक

Buland Dustak

भारत सरकार के मुख्य Hydrographer Vice Admiral अधीर अरोड़ा ने कार्यभार संभाला

Buland Dustak