- पुष्पक विमान के रूप में हेलीकॉप्टर से पहुंचे भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण - राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने की अगवानी, धरती से आसमान तक माहौल हुआ राममय
अयोध्या: दीपावली की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को रामनगरी अयोध्या में त्रेता युग जीवंत हो उठा। लंका विजय के बाद भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के अयोध्या वापसी पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी आगवानी की। पुष्पक विमान के रूप में हेलीकॉप्टर से माता सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ भगवान श्रीराम जैसे ही अयोध्याधाम पहुंचे, एक दूसरे हेलीकॉप्टर से उन पर पुष्प वर्षा की गई।
पवित्र सरयू के किनारे हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन, मुख्यमंत्री योगी, उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों ने भगवान श्रीराम, सीताजी तथा लक्ष्मण के स्वरूप का स्वागत किया। हेलीपैड से श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी एक स्वर्णिम रथ पर सवार होकर रामकथा पार्क पहुंचे, जहां मंच पर भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ। इसके बाद राज्यपाल, मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों ने राम सीता और लक्ष्मण की आरती उतारी।
भगवान राम की अगवानी के लिए मुख्यमंत्री योगी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ अपराह्न करीब 3.30 बजे ही अयोध्याधाम पहुंच गये थे। यहां आते ही राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने सूचना विभाग द्वारा रामकथा पार्क में श्रीराम से संबंधित लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और रामजन्मभूमि स्थल पर जाकर श्रीरामलला की पूजा अर्चना की।
इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने रामलला के दरबार में दीप प्रज्जवलित कर दिव्य दीपोत्सव का आगाज किया। रामजन्मभूमि स्थल पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय और राजा अयोध्या बिमलेंद्र मोहन मिश्र ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
गिनीज बुक की टीम गुरुवार को ही अयोध्या पहुंच चुकी
भगवान श्रीराम की आगवानी और राज्याभिषेक के बाद मुख्यमंत्री योगी राज्यपाल और मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ सरयू की आरती की और वहां से राम की पैड़ी पहुंचकर दीपोत्सव का उद्घाटन किया। राम की पैड़ी पर आज एक साथ पांच लाख 51 हजार दीपों को जलाकर एक नया विश्व कीर्तिमान बन रहा है।
वैसे समूची अयोध्या में आज करीब छह लाख दीप जलाए गए। दीपोत्सव को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज करने के लिए गिनीज बुक की टीम गुरुवार को ही अयोध्या पहुंच चुकी है। श्रीराम के आगमन से पहले साकेत महाविद्यालय से रामकथा पर केंद्रित भव्य झांकियां भी निकाली गईं।
दीपावली के पूर्व संध्या पर आयोजित हुए दीपोत्सव की छटा आज अवधपुरी का अद्भुत नजारा पेश कर रही थी। सरयू के घाटों से लेकर नदियों तक, आसमान से लेकर धरती तक, पेड़-पौधे, दीवार, घर, दुकान-मकान सबकुछ राममय हो गया है।
रामनगरी का यह अलौकिक दृश्य देखते ही बन रहा है। अवधपुरी के सभी पौराणिक स्थल दीपोत्सव की पूर्व संध्या से ही रोशन हैं। मठ, मंदिर, सरकारी इमारतें और विद्याालय, सड़कें और चैराहे भी दीपों और बिजली के झालरों से जगमगा रहे हैं। समूचे अयोध्या में राम धुनि का संचार हो रहा है। जगह-जगह एलईडी वैन से लगातार रामायण का प्रसारण किया जा रहा है।
रघुनंदन के आगमन को लेकर समूची अवधपुरी गद्गद है। यहां के वासी भावविह्वल हैं। आस-पास के ग्रामीणों में भी हर्ष और उल्लास का माहौल है। पिछले दो दिन से अयोध्याधाम में त्रेता युग का अहसास हो रहा है। सरयू की लहरें भी अपने राम के स्वागत में हिलोरे मार रही हैं। ऐसा हो भी क्यों न। करीब पांच सौ साल बाद श्रीराम मंदिर बनना शुरु हुआ है और निर्माण कार्य के शुरुआत के बाद यह पहली दिवाली है।
सत्ता संभालते ही योगी ने शुरू की थी दीपोत्सव की परंपरा
रघुनंदन के स्वागत को आज अयोध्या में देर रात तक संस्कृतियों की सतरंगी छटा भी विखरेगी। एक दो नहीं, गुजरात से लेकर बुंदेलखण्ड तक सात अनूठी संस्कृतियों के दर्शन सरयू तट पर आज एक साथ हो रहे हैं। इसमें गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखण्ड, ब्रज और बुंदेलखण्ड के लोक कलाकारों के साथ स्थानीय कलाकार भी शामिल हैं।
उप्र की सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव के रुप त्रेतायुग जैसी दिवाली मनाने की परंपरा शुरु की थी। इस बार चैथा साल है। इन चार वर्षों में दीपों की संख्या में लगभग चार गुना की वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री योगी ने 2017 में जब अयोध्या में दीपोत्सव मनाने की शुरुआत की थी, उस समय वहां एक लाख 65 हजार दीप जले थे। वहीं वर्ष 2018 में तीन लाख 150 दीप जलाकर विश्व रिकॉर्ड बना। इसके बाद 2019 में 5 लाख 51 हजार दीप जलाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया गया था।
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