-भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद पहली बार युद्धाभ्यास का हिस्सा बनेगा राफेल -दोनों देशों की सेनाएं लड़ाकू, परिवहन और टैंकर विमानों के साथ ‘स्काईरॉस’ में शामिल होंगी
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद पहली बार राफेल फाइटर जेट किसी युद्धाभ्यास का हिस्सा बनने जा रहा है। राजस्थान के जोधपुर में 20 जनवरी से फ्रांसीसी वायुसेना के राफेल के साथ होने वाले इस युद्धाभ्यास को ‘स्काईरॉस’ नाम दिया गया है। 24 जनवरी तक चलने वाले एक्स-डेजर्ट नाइट-21 के लिए भारतीय वायुसेना फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल की मेजबानी कर रही है। फ्रांस से राफेल विमान मिलने के बाद भारतीय वायुसेना का यह पहला बड़ा युद्धाभ्यास होगा।
फ्रांसीसी सेना ‘स्काईरॉस मिशन’ के रूप में एशिया में हैं तैनात
वायुसेना प्रवक्ता ने बताया कि फ्रांसीसी सेना वर्तमान में ‘स्काईरॉस मिशन’ के रूप में एशिया में तैनात हैं और इस अभ्यास को पूरा करने के बाद अपने देश लौटेंगी। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच परिचालन और युद्ध क्षमता बढ़ाने की दिशा में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है।
दोनों सेनाएं लड़ाकू, परिवहन और टैंकर विमानों के साथ भाग लेंगी। इस अभ्यास के माध्यम से भारतीय वायुसेना और फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल फलदायी बातचीत के लिए उपलब्ध अवसरों का उपयोग करके आपसी सहयोग बढ़ाने को तत्पर हैं।
जोधपुर में होने वाले इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने के लिए फ्रांस की वायुसेना के राफेल विमान भारत आएंगे। इसमें भारत की ओर से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान भी हिस्सा लेंगे। वैसे तो भारत और फ्रांस की वायुसेना एक दशक से भी अधिक लंबे समय से ‘गरुड़ युद्धाभ्यास’ करती हैं लेकिन यह ‘स्काईरॉस’ इससे अलग होगा।
फ्रांसीसी वायुसेना ने आखिरी बार भारतीय वायुसेना के साथ जुलाई, 2019 में युद्धाभ्यास किया था। इस युद्धाभ्यास में फ्रांस के राफेल विमान और भारत की ओर से सुखोई विमान शामिल हुए थे। अब भारत के पास भी लड़ाकू राफेल आ चुके हैं, इसलिए यह पहला मौका है जब भारत के राफेल फ्रांस के राफेल के साथ ‘हवाई युद्ध’ का अभ्यास करेंगे।
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