काबुल: अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में भारतीय पत्रकार Danish Siddiqui ही हत्या हो गई है। वह समाचार एजेंसी रॉयटर के लिए काम करते थे। सिद्दीकी की मौत स्पिन बोल्डक इलाके में हुई है। वह बीते कुछ दिनों से कंधार की स्थति पर कवरेज कर रहे थे।

दानिश को साल 2018 में पुलित्जर पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया था। सिद्दीकी ने अपने करियर की शुरुआत एक टेलीविजन समाचार संवाददाता के रूप में की थी और बाद में वह फोटो जर्नलिस्ट बन गए थे। साल 2010 में दानिश इंटर्न के रूप में रॉयटर्स के साथ जुड़े। दानिश ने नई दिल्ली में स्थित जामिया-मिलिया इस्लामिया से मास कम्यूनिकेशन की डिग्री हासिल की है।
भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई ने ट्वीट कर कहा, “बीती रात कंधार में दोस्त Danish Siddiqui की हत्या की दुखद खबर से दुखी और स्तब्ध हूं। मैं उनसे 2 हफ्ते पहले काबुल जाने से पहले मिला था।” साथ ही उन्होंने उनके परिवार और रॉयटर्स के प्रति संवेदना जताई है।
सिद्दीकी ने हाल ही में एक पुलिसकर्मी को बचाने के लिए अफगान विशेष बलों द्वारा एक मिशन पर रिपोर्ट की थी। उनकी रिपोर्ट में अफगान बलों के वाहनों की ग्राफिक छवियां शामिल थीं जिन्हें रॉकेट से निशाना बनाया जा रहा था।
Danish Siddiqui ने तीन दिन पहले बचने पर किया था ट्वीट
13 जुलाई को Danish Siddiqui ने ट्वीट कर कहा था कि वह जिस वाहन में सवार थे, उसपर कई हथियारों से हमला किया गया था। उन्होंने लिखा था कि उनकी किस्मत अच्छी रही कि वह सुरक्षित रहे और एक रॉकेट को आर्मर प्लेट के ऊपर से टकराते हुए देखा।
उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान के दक्षिणी शहर कंधार और उसके आसपास भीषण लड़ाई की सूचना है। तालिबान ने शहर के आसपास के जिलों पर कब्जा कर लिया है। राजधानी के बाहरी इलाकों में पुलिस जिले में अफगान बलों को तैनात किया गया है।
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पिछले कुछ दिनों में, स्पिन बोल्डक जिले में तालिबान द्वारा पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में चमन शहर से जुड़ी एक प्रमुख सीमा पर तालिबानी कब्जे से जुड़ी भारी लड़ाई देखी गई है।
अफगानिस्तान के हेरात को कब्जे में लेने के बाद भारत द्वारा बनाए गए सलमा डैम पर तालिबानियों ने हमला कर अपने में कब्जे में ले लिया है। दोनों पक्ष की लड़ाई में 60 लोग मारे गए हैं। इस डैम को बनाने में भारत ने 275 मिलियन डॉलर खर्च किए थे और 1500 भारतीय इंजीनियरों और मजदूरों ने सेवा दी थी।