नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि लंबे और सख्त लॉकडाउन के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत में जोरदार सुधार देखने को मिल रहा है। कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तीसरे चरण के लिए कुल 2,65,080 करोड़ रुपये के 12 नई घोषणाओं का ऐलान सीतारमण ने गुरुवार को किया।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तीसरे चरण के लिए प्रोत्साहनों की घोषणा करने के लिए गुरुवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सीतारमण ने बताया कि व्यापक आर्थिक संकेत हालात में सुधार की ओर इशारा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के सक्रिय मामले एक समय 10 लाख से ज्यादा थे, जबकि अब ये मामले घटकर 4.89 लाख रह गए और मृत्यु दर घटकर 1.47 फीसदी पर आ गई है।
अर्थव्यवस्था में सुधार का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि कंपनियों के कारोबार की गति का संकेत देने वाला कम्पोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अक्टूबर में बढ़कर 58.9 रहा, जो इससे पिछले महीने में 54.6 था। वित्तमंत्री ने बताया कि अक्टूबर के दौरान ऊर्जा खपत में 12 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह पिछले साल के सामान अवधि में 10 फीसदी बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान
सीतारमण ने बताया कि दैनिक रेलवे माल ढुलाई में औसतन 20 फीसदी की दर से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि बैंक क्रेडिट में 23 अक्टूबर तक 5.1 फीसदी की तेजी आई है। विदेशी मुद्रा का भंडार रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है। सरकार ने कोविड-19 से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए लगातार कई उपायों की घोषणा कर रही है। एक दिन पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 10 और क्षेत्रों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये मूल्य की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाओं को मंजूरी दी थी।
उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना का फायदा रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन जैसे उत्पादों, औषधि, विशेष प्रकार के इस्पात, वाहन, दूरसंचार, कपड़ा, खाद्य उत्पादों, सौर फोटोवोल्टिक और मोबाइल फोन बैटरी जैसे उद्योगों में निवेश करने वाले को मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सरकार ने मई माह में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था। इस पैकेज का फोकस तरलता बढ़ाने और छोटो कारोबारों को आसान लोन उपलब्ध कराना था। इस पैकेज में कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों जैसे टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी और एविएशन छूट गए थे। कोरोना संक्रमण की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन लगा था, जिसके चलते अर्थव्यवस्था की ग्रोथ निगेटिव जोन में चली गई है।
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