26.1 C
New Delhi
September 8, 2024
बिजनेस

राजस्थान में ऑयल इंडिया तीन साल में 30 नए कुओं की करेगा खुदाई

जयपुर: ऑयल इंडिया ने राज्य सरकार से बीकानेर-जैसलमेर और बीकानेर क्षेत्र में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की खोज कार्य लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। राज्य में इस समय ऑयल इंडिया को दो पेट्रोल माइनिंग लाइसेंस व तीन पेट्रोल एक्सप्लोरेशन लाइसेंस मिले हुए हैं। ऑयल इंडिया द्वारा तीन साल में कच्चे तेल और गैस भण्डारों के लिए पेट्रोल माइनिंग लाइसेंस और पेट्रोल एक्सप्लोरेशन लाइसेंस क्षेत्रों में करीब 30 और कुओं की खुदाई की जाएगी। ऑयल इण्डिया राजस्थान के जैसलमेर और बीकानेर में प्रतिदिन 180 बैरल भारी तेल और 0.8 लाख क्यूबिक मीटर गैस का प्रतिदिन उत्पादन कर रहा है।

माइन्स एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने गुरुवार को सचिवालय से वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से ऑयल इंडिया के अधिकारियों से संवाद किया। उन्होंने बताया कि ऑयल इंडिया द्वारा तीन साल में कच्चे तेल और गैस भण्डारों के लिए पेट्रोल माइनिंग लाइसेंस और पेट्रोल एक्सप्लोरेशन लाइसेंस क्षेत्रों में करीब 30 और कुओं की खुदाई की जाएगी। उन्होंने ऑयल इंडिया के अधिकारियों को प्रदेश में एक्सप्लोरेशन और कच्चे खनिज तेल व गैस के उत्पादन कार्यों में तेजी लाने को कहा ताकि प्रदेश में प्राकृतिक गैस और खनिज तेल का उत्पादन बढ़ सके। उन्होंने कहा कि इससे विदेशी पूंजी की बचत के साथ ही राज्य सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी और रोजगार का सृजन हो सकेगा।

ऑयल इंडिया
ऑयल इंडिया के राजस्थान फिल्ड में साइक्लिंग स्टिंग स्टिमोलेशन का किया जा रहा है उपयोग

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में पेट्रोलियम और गैस का विपुल भण्डार है और राज्य में चार पेट्रोलियम बेसिन 14 जिलों में डेढ़ लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हए हैं। ऑयल उत्पादन बढ़ाने के लिए समूचे देश में सबसे पहले राजस्थान में आधुनिकतम तकनीक सीएसएस (साइक्लिंग स्टिंग स्टिमोलेशन) का उपयोग किया जा रहा है। ऑयल इण्डिया के जैसलमेर बेसिन के तनोट डांडेवाल में कुओं से प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जा रहा है और उसे राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के रामगढ़ स्थित थर्मल प्लांट को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी तरह से बीकानेर-नागौर बेसिन के बागेवाला में कुओं में खनिज तेल का उत्पादन किया जा रहा है।

ऑयल इंडिया के राजस्थान फिल्ड के अधिशासी निदेशक एसके सिंह ने बताया कि जैसलमेर के तनोट में 1984 से खोज कार्य आरंभ किया गया और 1988 से उत्पादन किया जा रहा है। वर्तमान में 0.8 मिलियन मीट्रिक स्टेण्डर्ड क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में जैसलमेर के लुडुर्वा और डांगरी में 67.6 मेगावाट पवन उर्जा और जैसलमेर के रामगढ़ में 14 मेगावाट सोलर उर्जा का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने पीपीटी प्रजेंटेशन के माध्यम से ऑयल इण्डिया के राजस्थान में हो रहे कार्यों, उत्पादन व अन्य गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ऑयल इंडिया प्रदेश में प्राकृतिक गैस, भारी तेल, विंड एनर्जी और सोलर एनर्जी के क्षेत्र में काम रही है।

Also Read: 5G के ट्रायल को मंजूरी, 2021 में ही शुरू हो सकती है 5G सेवा

Related posts

फुटबॉलर रोनाल्डो के शब्दों से कोका कोला को 30 हजार करोड़ का घाटा

Buland Dustak

जी-20 देशों में सबसे खराब स्थिति में भारत की अर्थव्यवस्था : आईएमएफ

Buland Dustak

Jeff Bezos 5 जुलाई को छोड़ेंगे अमेजन के सीईओ का पद

Buland Dustak

हवाई यात्रा पर पड़ा कोरोना संक्रमण का असर

Buland Dustak

Gautam Adani बने एशिया के दूसरे सबसे धनी कारोबारी

Buland Dustak