30.7 C
New Delhi
July 6, 2025
देश

​वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह ने पूर्वी नौसेना की कमान संभाली

- ईएनसी के विभिन्न जहाजों और प्रतिष्ठानों के नौसेना कर्मियों के प्लाटून की समीक्षा की
- नौसेना में कमांडर-इन-चीफ का पद हासिल करने वाले यूपी सैनिक स्कूल के पहले छात्र

नई दिल्ली: वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह ने सोमवार को विजाग (विशाखापत्तनम) में पूर्वी भारतीय नौसेना कमान के नए प्रमुख के रूप में पदभार संभाला। उन्होंने वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन से नौसेना बेस में आयोजित एक समारोह में पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) के ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ का कार्यभार लिया।

इसके बाद वाइस एडमिरल सिंह ने सेरेमोनियल गार्ड का निरीक्षण किया और ईएनसी के विभिन्न जहाजों और प्रतिष्ठानों के नौसेना कर्मियों के प्लाटून की समीक्षा की। वह भारतीय नौसेना में कमांडर-इन-चीफ का पद हासिल करने वाले यूपी सैनिक स्कूल के पहले छात्र हैं।

इस समारोह में सभी फ्लैग ऑफिसर और जहाजों, पनडुब्बियों और प्रतिष्ठानों के कमांडिंग ऑफिसर शामिल हुए। बाद में उन्होंने विशाखापत्तनम के बीच रोड पर युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

भारतीय नौसेना

वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) खडकवासला के पूर्व छात्र हैं और उन्हें 01 जुलाई 1983 को नौसेना में कमीशन किया गया था। नेविगेशन और डायरेक्शन स्पेशलिस्ट वाइस एडमिरल सिंह ने 38 साल के अपने करियर में विभिन्न ऑपरेशनल स्टाफ और कमांड अपॉइंटमेंट लिये हैं।

उन्होंने भारत और विदेशों में सभी व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और स्टाफ कोर्स के दौरान मद्रास विश्वविद्यालय से अपनी पहली मास्टर्स प्राप्त की, जहां उन्हें स्कडर मेडल से सम्मानित किया गया। उन्होंने यूनाइटेड किंगडम के क्रैनफील्ड विश्वविद्यालय से वैश्विक सुरक्षा में मास्टर डिग्री भी हासिल की है।

वाइस एडमिरल सिंह का व्यक्तिगत जीवन

नौसेना प्रवक्ता ने बताया कि फ्लैग आफिसर की शादी श्रीमती चारू से हुई है, जो अब नेवी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की प्रमुख हैं। उनकी दो बेटियां अंबिका और अजीता हैं। वाइस एडमिरल सिंह ने भारतीय नौसेना के जहाजों वीर (मिसाइल वेसल), विंध्यगिरि (फ्रिगेट), त्रिशूल (गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट) और विराट (विमान वाहक) की कमान संभाली है।

उनके पास श्रीलंका में ऑपरेशन पवन और पश्चिमी सागर के बेड़े नाविक अधिकारी के रूप में पश्चिमी सागर तट पर ऑपरेशन पराक्रम चलाने का भी अनुभव है। वह 2019 की शुरुआत में पश्चिमी नौसेना कमान में चीफ ऑफ स्टाफ भी रहे हैं। उन्होंने अब पूर्वी बेड़े की कमान संभाली है लेकिन वह पूर्वी सीबोर्ड की ख़ासियत से परिचित हैं। वह 2014 में आये सुपर साइक्लोन हुदहुद के दौरान नौसेना के अभियानों से जुड़े रहे हैं।

इससे पहले वह नौसेना मुख्यालय में प्रधान निदेशक और एसीएनएस (नीति और योजनाएं) के रूप में भारतीय नौसेना के आत्मनिर्भर जहाज निर्माण रोडमैप से जुड़े थे। विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें 2011 में विशिष्ट सेवा पदक और 2016 में अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।

यह भी पढ़ें: भारत मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग व साझेदारी को कैबिनेट की मंजूरी

Related posts

सरकारी दखल से बचाकर आवास योजना को बनाया इंद्रधनुषी: पीएम

Buland Dustak

भारत रत्न बिधान चंद्र रॉय के जन्मदिन पर मनाया जाता है Doctors Day

Buland Dustak

कारगिल विजय दिवस पर जांबाज शहीदों को याद कर रहा है पूरा देश

Buland Dustak

भारत और रूस की नौसेनाएं उतरीं बंगाल की खाड़ी में

Buland Dustak

सरकार ने अलीबाबा सहित 43 मोबाइल एप्लीकेशन पर लगाया प्रतिबंध

Buland Dustak

बंगाल में मोदी ने 4700 करोड़ की परियोजनाओं का किया लोकार्पण

Buland Dustak