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July 4, 2025
प्रयागराज

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रयाग में धूमधाम से मनाया स्थापना दिवस

-कोरोना संक्रमण के कारण नहीं निकला पंथ संचलन

प्रयागराज: तीर्थराज प्रयाग में विजयदशमी के पर्व पर रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों द्वारा पूर्ण गणवेश में प्रयाग उत्तर भाग में कुल 14 स्थानों तथा प्रयाग दक्षिण के 15 सहित कुल 29 स्थानों पर मां भारती के सामने शस्त्र पूजन कर बौद्धिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। आरएसएस की स्थापना 1925 में विजयदशमी के दिन ही हुई थी। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संगठन के लिए आज का दिन बड़ा ही महत्वपूर्ण होता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

स्वयंसेवकों के समागम का लक्ष्य देश, समाज एवं संस्कृति में फैली तमाम प्रकार की भ्रांतियों और कुरीतियों के प्रति लोगों को सजग करना होता है। जिसके क्रम में विजयदशमी के पावन पर्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम जगह जगह हुए।

इस अवसर पर प्रयाग उत्तर भाग में कुल 14 स्थानों प्रभुदत्त ब्रह्मचारी, प्रतिष्ठानपुरी, भारद्वाज नगर, चन्द्रशेखर नगर, त्रिवेणी नगर, शान्तीपुरम्, गंगानगर रसूलाबाद, गोविन्द नगर, साकेत नगर, भगीरथ नगर, विश्वविद्यालय नगर, श्रीकृष्ण नगर, दयानन्द नगर एवं विवेकानंद में शस्त्र पूजन कर बौद्धिक कार्यक्रम किये गये। इसी प्रकार प्रयाग दक्षिण के 15 स्थानों पर बौद्धिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए। जबकि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण पथ संचलन नहीं निकाला गया।

40 देशों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कर रहा हैं काम

भारद्वाज नगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रांत प्रचारक रमेश ने कहा कि संघ ने समाज जागरण के माध्यम से शक्ति के आधार पर अपने प्राचीन गौरव को प्राप्त किया। इसका उदाहरण राम मन्दिर तथा अनुच्छेद 370 को हटाकर पुनः भारत को भय मुक्त करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के 40 देशों में आरएसएस काम कर रहा हैं।

बताया कि 1962 में चीन के धोखे से किये गये हमले से देश सन्न रह गया था। उस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सरहदी इलाकों में रसद आदि पहुंचाने में मदद की थी। इससे प्रभावित होकर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1963 में गणतंत्र दिवस की परेड में बुलवाकर सम्मानित किया था।

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जार्जटाउन स्थित संघ कार्यालय में जिला प्रचारक प्रेमसागर ने कहा कि संघ वर्ष में छह उत्सव मनाता है, जिसमें विजयादशमी प्रमुख है। उन्होंने बताया कि आरएसएस की स्थापना विजयादशमी के दिन ही नागपुर में डॉ.केशव बलिराम हेडगेवार ने 1925 में किया था।

तब से संघ निरन्तर आगे बढ़ते हुए अपनी पहचान एक अनुशासित और राष्ट्रीय संगठन बनाया है। इस अवसर पर सह प्रांत कार्यवाह आलोक मालवीय, संतोष शुक्ला, जिला कार्यवाह शिव प्रकाश, नगर संघचालक शिवसेवक राम, नगर कार्यवाह विनय मिश्रा सहित तमाम स्वयंसेवकों ने प्रतिभाग लिया।

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