रायपुर : छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद ‘न्याय सब्बो बर-सब्बो डहर’ के ध्येय को लेकर लागू की गईं राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ का क्रियान्वयन किया जा रहा है। अब ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को ‘न्याय’ मिलने जा रहा है। इस योजना का शुभारंभ 3 फरवरी को कांग्रेस नेता राहुल गांधी राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में करेंगे।
इस योजना के तहत ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके लिए राज्य के अनुपूरक बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राहुल गांधी योजना के लिए पात्र 3 लाख 55 हजार भूमिहीन कृषक मजदूरों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में राशि अंतरण करेंगे।
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छत्तीसगढ़ की 70 फीसदी आबादी कृषि कार्यों से जुड़ी है। खेती-किसानी के कार्यों में काफी संख्या में कृषि मजदूरी जुड़े होते हैं। इनमें से कई ऐसे कृषि मजदूर हैं जिनके पास स्वयं की कृषि भूमि नहीं है। वे दूसरों की कृषि भूमि में श्रमिक के तौर पर काम कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ का लाभ लेने के लिए अब तक 3 लाख 55 हजार हितग्राहियों ने पंजीयन कराया है।
पात्रता: योजना के अंतर्गत पात्रता केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को होगी। ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी और पुरोहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे।
इस योजना के हितग्राहियों के लिए आवश्यक शर्त यह है कि हितग्राही परिवार के पास कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए। आवासीय प्रयोजन के लिए धारित भूमि कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी। राज्य में इससे पहले ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ और ‘गोधन न्याय योजना’ लागू की जा चुकी है।
इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि राज्य सरकार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सपनों के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्र के गरीब तबकों को सीधे मदद पहुंचाना चाहती है। इसे योजना के माध्यम से पूरा किया जाएगा।