नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने Cryptocurrency Exchange WazirX में कारोबार करने के लिए यूपीआई प्लेटफार्म का उपयोग बंद करने के आदेश को वापस लेने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए रिजर्व बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 24 दिसम्बर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
याचिका लॉ स्टूडेंट अर्णव गुलाटी ने दायर की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसके समेत स्टेट बैंक के कई खाताधारकों को वजीरएक्स में कारोबार करने के लिए यूपीआई प्लेटफार्म का उपयोग करने की अनुमति नहीं होती है। ऐसा करना संविधान की धारा 19(1)(जी) और 14 का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील सिद्धार्थ आचार्य और सिमरनजीत सिंह सतिया ने कहा कि वजीरएक्स में खुदरा निवेश करने वाले देश भर के करीब एक करोड़ निवेशक इस फैसले से परेशान हैं।
याचिका में कहा गया है कि अप्रैल 2018 में रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर के जरिये सभी बैंकों को बिटकॉईन और वर्चुअल करेंसी का व्यापार करने की सेवाएं देने पर रोक लगा दिया था। इन सेवाओं में खाता रखने, रजिस्ट्रेशन करने, ट्रेडिंग, क्लियरिंग, वर्चुअल टोकन पर लोन देने या वर्चुअल डीलिंग के लिए अकाउंट खोलना शामिल हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2020 में रिजर्व बैंक के इस सर्कुलर को निरस्त कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के आधार पर रिजर्व बैंक ने नया सर्कुलर जारी कर वर्चुअल करेंसी के साथ कारोबार करने की अनुमति दी लेकिन 15 सितम्बर को स्टेट बैंक ने अपने सभी खाताधारकों को WazirX Cryptocurrency Exchange के साथ यूपीआई के जरिये कारोबार करने पर रोक लगा दी। स्टेट बैंक का ये आदेश सुप्रीम कोर्ट और रिजर्व बैंक के आदेशों का उल्लंघन है।