-श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन में 5 अगस्त को पहला फावड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रख चुके हैं
अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने शुक्रवार को यहां कहा कि मंदिर निर्माण के लिए पूरी 70 एकड़ भूमि का ध्यान रखते हुए नक्शा पास कराया जाएगा। मंदिर को मजबूत बनाने के लिए इसकी नींव में नदियों पर बनी संरचना के समान खंबे डाले जायेंगे।
श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य श्री राम मंदिर का भूमि पूजन और कार्यारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा होने के बाद शुक्रवार को ट्रस्ट महामंत्री चंपत राय सामने आए और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान रामलला को साष्टांग प्रणाम करने को उनकी पूर्व जन्मों और माता-पिता द्वारा प्राप्त संस्कार है। इतने बड़े पद पर होने के बावजूद इतनी विनम्रता पूर्व जन्म की तपस्या से ही आती है।
विकास प्राधिकरण से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के लिए नक्शा पास कराया जाएगा
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव राय ने शुक्रवार को कारसेवक पुरम में पत्रकार वार्ता कर श्रीराम मंदिर पर अपना मंतव्य स्पष्ट करते हुए कहा कि 1000 साल तक सृष्टि के आंधी तूफान सहने के बाद भी राम मंदिर पूरी तरह सुरक्षित होगा। इसके लिए उच्च तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। जमीन के नीचे जैसे नदियों में खंभे डाले जाते हैं उसी तरह राम मंदिर के खंभे नीचे डाले जाएंगे। नदियों के खंभों में लोहा होता है, लेकिन राम मंदिर के खंभों में लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
राय ने कहा कि मंदिर के लिए विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराया जाएगा। लेकिन यह नक्शा राम मंदिर की भूमि भर का नहीं होगा। बल्कि कुल 70 एकड़ जमीन को ध्यान में रखकर नक्शा पास कराया जाएगा और यह बाद में तय होगा कि कौन स्ट्रक्चर कहां बनाया जाएगा। इसके लिए जो शुल्क का निर्धारण होगा ।उसे भुगतान किया जाएगा और इसके शुल्क में कोई छूट नहीं ली जाएगी। ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने यह भी साफ कर दिया कि जब उन्होंने ट्रस्ट की जिम्मेदारी संभाली थी। तब 12 करोड रुपए थे और लगभग 30 करोड रुपए चंदे के रूप में आए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे संकट काल में भी चारों तरफ की आलोचनाओं को सहन करते हुए प्रधानमंत्री जी ने यहां आने का निर्णय लिया।
राय: आगे की प्रक्रिया अब शुरू होगी
अंत तक बताया नहीं तैयारियां चलने लगी। प्रशासन के पास मौखिक सूचनाएं आने लगी और अंत में वह आए और उन्होंने अपने माता-पिता और अपने पूर्व जन्मों के संस्कार को अपने व्यवहार में प्रकट किया। पूर्व जन्म के संस्कार और अपने माता-पिता के द्वारा दिए गए संस्कारों को अपने व्यवहार में प्रकट किया। जब भगवान को साष्टांग प्रणाम किया। यह बिना माता-पिता के संस्कारों और पूर्व जन्म की तपस्या के बिना नहीं हो सकता धोती कुर्ता वह पहनते ही हैं। लेकिन एक इतने ऊंचे स्थान पर बैठकर इतनी विनम्रता मंच पर आने के बाद संतों के सम्मुख विनम्रता इसका हम तब अभिनंदन करते हैं प्रणाम करते हैं।
श्री राय ने कहा कि आगे की प्रक्रिया अब शुरू होगी अब सब तकनीकी काम है और वह तकनीकी काम ऐसे नहीं है। जो अपने घर मेंं छोटा-मोटा मकान बनाते हैं। ऐसा नहीं है हमारी सोच है। यह मंदिर 1000 साल तक सृष्टि के आंधी तूफान सहता रहेगा, तो इसलिए उतनी तैयारी की तकनीक का इस्तेमाल होगा। इसलिए कब होगा कैसे होगा तिथि बताना तो कपोल कल्पित होगा। निर्माण में लगी कंपनी लार्सन टूब्रो के लोग आए थे। मैंने पूछा ड्राइंग बन गई क्या उन्होंने कहा नींव की ड्राइंग लगभग तैयार हो गई है।
नक्शा विकास प्राधिकरण से पास कराया जाएगा
जितनी मेरी जानकारी है, नीव जमीन के नीचे वैसे ही जाएगी जैसे नदियों म पुल खड़े होते हैं और खंभे नीचे गलाए जाते हैं। नदियों के अंदर जो खंभे गलाए जाते हैं उसमें लोहा पड़ता है ।यहां लोहा नहीं होगा लेकिन लार्सन एंड टुब्रो के लोग पहले से तैयार है। उन्होंने कहा कि नक्शा विकास प्राधिकरण से पास कराया जाएगा 70 एकड़ का तो पूरा नहीं 70 एकड़ भूमि का ध्यान में रखकर कराया जाएगा। ताकि भविष्य में भी कोई दिक्कत ना हो कब कहां क्या बनेगा ।यह देखा जाएगा आज हमारे पास जो जमीन है उस संपूर्ण जमीन को ध्यान में रखकर शुल्क का निर्धारण किया जाएगा आखिर पैसा सरकार के पास जा रहा है हमारा तो उसमें कुछ भी नहीं है ।
उन्होंने कहा कि दर्शन करने जितने लोग आए उस अब आ गया होगा खजाने को देखें हमने इस तरफ दिमाग लगाना सोचना शुरू किया है हमें तो कल्पना नहीं थी की जमीन के 12 फीट नीचे जाएंगे जहां ढांचा खड़ा था 1992 में उससे 12 फिट नीचे गए उसमें से खजाना निकल आया और अगर पांच 10 फुट और नीचे गए तो मालूम है क्या होगा संभावना है ना तू हमारी दृष्टि इस पर रहेगी हम सतर्क रहेंगे सावधान रहेंगे आपको जरूर बताएंगे। उन्होंने कहा किऐसा लग रहा है वर्जिनल हमारे हाथ में जो खाते आए थे। उसमें कुल पैसा 12 करोड़ था उस पैसे को तो छोड़ना पड़ेगा। वह कमाई है पूर्वजों की हमारा तो उसमें कुछ भी नहीं है लेकिन शायद 30 करोड रुपए आ गए होंगे।
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