-राज्य सरकार का दावा, युद्धस्तर पर चल रहे राहत कार्य -सरकार ने बनाए 1243 गांवों में 951 बाढ़ शरणालय -बाढ़ प्रभावित 20768 लोगों तक पहुंचाया गया ड्राई राशन
लखनऊ: तेज बारिश के चलते उत्तर प्रदेश के 23 जनपदों के 1243 गांव बाढ़ से ज्यादा प्रभावित हैं। वहीं, गंगा नदी कचलाब्रिज बदायूं, बलिया, गाजीपुर, यमुना नदी इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, बांदा, बेतवा नदी बांदा और हमीरपुर, शारदा नदी पलियाकलां खीरी, क्वानों नदी गोंडा और चंबल नदी खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही हैं।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि बाढ़ प्रभावित जनपदों में राहत व बचाव कार्य के लिए NDRF, SDRF के साथ पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है। 39 जिलों में राहत एवं बचाव की कमान पीएसी को दी गई है जबकि 11 जिलों में एसडीआरएफ और 9 जिलों में एनडीआरएफ को लगाया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है। बाढ़ प्रभावित लोगों को ड्राई राशन के साथ उनको दूसरी जगहों पर शिफ्ट करने का काम तेजी से हो रहा है।

उत्तर प्रदेश में 951 बाढ़ शरणालय स्थापित
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों के लिये 951 बाढ़ शरणालय स्थापित किये गये हैं। इन शरणालयों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है।
प्रत्येक राहत शिविरों में प्रकाश और अस्थाई शरणालयों में शौचालय, पेयजल, कपड़े, बर्तन, बिस्तर आदि की सुनिश्चित व्यवस्था के निर्देश दिये गये हैं। सरकार की ओर से 24 घंटे में बाढ़ प्रभावित लोगों को 70050 लंच पैकेट और 9506 ड्राई राशन पैकेट वितरित किए जा चुके हैं।
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1228 बाढ़ चौकियां स्थापित
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य के लिए 1992 नांव लगाई हैं जबकि प्रदेश में 1228 बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं। बाढ़ क्षेत्रों में 564 मेडिकल टीम गठित की गई है जो बाढ़ में फंसे लोगों को इलाज की सुविधा प्रदान करने में जुटी हैं।
जल शक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह को बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा के लिये लगाया गया है। उनकी ओर से चंबल और यमुना नदी की बाढ़ प्रभावित जनपदों का हवाई सर्वेक्षण किया जा रहा है। इतना ही नहीं सरकार की ओर से अभी तक 20768 ड्राई राशन किट लोगों को वितरित किए जा चुके हैं।
पिछले 24 घंटों में 9506 लोगों को ड्राई राशन किट बांटी गई है। अब तक राज्य सरकार प्रभावित लोगों को 167213 लंच पैकेटों का वितरण कर चुकी है। जबकि 24 घंटों में 70050 लंच पैकेट बांटे गये हैं।
बेजुबान जानवरों को भी बचा रही सरकार
प्रवक्ता ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में जनहानि के साथ प्रदेश सरकार बेजुबान जानवरों को बचाने का काम कर रही है। पिछले 24 घंटों में 36 पशु शिविर लगाए गये जबकि अब तक सरकार प्रदेश में 504 पशु शिविर लगा चुकी है। इनमें कुल 277075 पशुओं का मुहपका और खुरपका बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण किया गया है।
536 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकाला गया
उन्होंने बताया कि NDRF और SDRF ने उत्तर प्रदेश 536 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया है। एनडीआरएफ टीमों को प्रदेश के 09 जिलों में लगाया गया है। एटवा, जालौन, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, लखनऊ, बलिया और वाराणसी में 10 टीमों की तैनाती गई है।
SDRF की 12 टीमों को 11 जनपदों में सक्रीय किया गया है। पीएससी 17 टीमों को सीतापुर, प्रयागराज, बरेली, आगरा, आजमढ़, मुरादाबाद, गोरखपुर, गोण्डा, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, गाजियाबाद, एटा और मेरठ में लगाया गया है। चंबल नदी व यमुना नदी में आई बाढ़ के कारण जालौन की माधोगढ़ तहसील और कालपी के 05 ग्रामों का सम्पर्क टूट गया। इन ग्रामों में फंसे परिवारो को वायु सेना के 02 हैलीकॉप्टरों की मदद से राहत सामग्री वितरित की गई।
गांवों में बनाई गईं समितियां, हर गांव को दिया गया एक वायरलेस सेट
प्रवक्ता ने बताया कि सरकार की ओर से बाढ़ग्रस्त ग्रामों में बचाव और राहत कार्यों के लिये ग्राम स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। इन ग्राम स्तरीय समितियों और नोडल अधिकारियों से समन्वय बनाए रखने के लिये प्रत्येक गांव को एक-एक वायरलेस सेट युक्त पुलिसकर्मी की तैनाती की गई है। जिससे इन गांवों से संचार व्यवस्था सुदृढ़ बनी रहे।