विज्ञान के क्षेत्र में आए दिन कुछ ना कुछ नया आविष्कार होता रहता है। लेकिन अब एक ऐसी “फ्लाइंग कार” आ गई है जो टेक्नालॉजी के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण स्थान बना चुकी है। सुनने में बेहद ही अजीब लग रहा होगा कि जल्द आकाश में उड़ती हुई कार दिखाई देगी, लेकिन ऐसा बहुत जल्द होने वाला है। यह पहली बार नहीं हो रहा कि उड़ती हुई कार का आविष्कार हुआ है।
आज से कई सालों पहले से ही उसकी खोज हो चुकी थी और कुछ कम्पनियों ने यह दावा किया था कि उन्होंने बनाई है सबसे पहली फ्लाइंग कार। लेकिन यह सभी कार बाज़ार में आने से पहले ही फेल हो गईं। मगर आज “स्लोवाकिया” देश में उड़ती हुई कार का निर्माण हुआ है जिसमें “BMW” का इंजन लगा है और इसे ही दुनिया की पहली फ्लाइंग कार का दर्जा दिया जा रहा है।
साथ ही बिना किसी तकनीकी खराबी के इस कार ने एक हवाई अड्डे से दूसरे हवाई अड्डे की 80 किलो मीटर की दूरी को 170 से 180 की रफ्तार के साथ मात्र तीस मिनट में यह दूरी तय कर दी है जो कि एक शानदार गति है।
बड़ा सवाल यह है कि आखिर “फ्लाइंग कार” होती कैसे है?
आमतौर पर अधिकतर लोगों का मत यही होगा कि जो उड़ती हुई कार है वही फ्लाइंग कार कहलाती है जो कि एकदम सही है। मगर इसकी मुख्य विशेषता यह होती है कि कैसे यह भूमि पर उतरती है यानी “क्षैतिज” या “लंबरूप” तरीके से। अगर यह लंबरूप तरीके से उतरती है तब यह कहीं हद तक फ़्लाइंग कार कहला सकती है।
बात करें BMW के इंजन से बनी इस उड़ती हुई कार की, तो यह भूमि में क्षैतिज तरीके से उतरती है। अगर आने वाले समय में कुछ ऐसी उड़ती हुई कारें बनेगीं तो वह लड़ाकू विमान “F-35” पर आधारित होंगी। क्योंकि यह धरती में “लंबरूप” तरीके से उड़ान भरता और उतरता है। साथ ही आने वाले समय में हमें जल्द ही F-35 लड़ाकू विमान के जैसे फ्लाइंग कार देखने को मिल सकते हैं।
BMW फ़्लाइंग कार की कमी क्या है?
सबसे बड़ी खामी यह है कि इसके लिए हवाई पट्टी की आवश्यकता होती है। उसे उड़ान भरने के लिए तथा उतरने के लिए खुला मैदान या हवाई पट्टी की जरूरत हर बार पड़ेगी। इस वजह से इसे लोग फ्लाइंग कार कहने से नकार रहे हैं, बल्कि इसे एक “फ़्लाइंग जेट” का नाम दे रहे हैं।
अगर यह लंबरूप तरीके से काम करता, तो शायद इस पर चर्चा और इसे बेहतर बनाने के लिए कुछ नए प्रयोग किये जा सकते थे। लेकिन हवाई पट्टी की आवश्यकता की वजह से इसकी मुख्य कमी सबके सामने आ गई है।
इन सबके बीच सवाल यह है कि क्या आने वाला भविष्य “फ्लाइंग कार” का है? इसका जवाब यह है कि अगर ऐसा होता है तो आसमान में हादसे होने की संभावना बहुत ही अधिक होगी क्योंकि जब धरती में ही लोग ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, तो आकाश में क्या पालन करेंगे।
इसके अलावा फ़्लाइंग हवाई अड्डे बनाने होंगे मगर अधिक भीड़ भी उमड़ेगी ऐसे में दुर्घटना के अवसर बढ़ जाएंगे। इस वजह से भविष्य में इसे शुरू करने से पहले काफी तैयारियाँ करनी होंगी।
क्या आम आदमी को फ्लाइंग कार इस्तेमाल करने की अनुमति मिलनी चाहिए?
ज़ाहिर तौर पर इसका जवाब है “नहीं”। इसकी वजह यह है कि हाल ही बनी BMW की उड़ती हुई इस कार की गति 170-180 किलो मीटर की रफ्तार पकड़ सकती है।
ऐसे में अगर आम इंसान को इसे इस्तेमाल करने की इजाज़त मिलती है तो अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर खतरा बढ़ जाएगा, क्योंकि वर्तमान में इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद लोग एक देश से दूसरे देश के बार्डर को पार कर रहे हैं और अगर “फ्लाइंग कार” आम आदमी के हाथों में चली गई तो वह कब किस देश में चला जाए उसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता।
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यही नहीं अगर यह कार किसी अराजक तत्वों के हाथों लग गया तो वह इसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं और हो सकता है कि इस फ़्लाइंग कार का उपयोग “हमला” करने के लिए भी कर सकते हैं।
हालांकि, ऐसा नहीं है कि इसका दुरुपयोग करने से व्यक्ति पकड़ा ना जाए लेकिन आकाश में 170 की रफ्तार से किसी चीज़ को पकड़ना फिलहाल के लिए काफी मुश्किल काम है।
फ्लाइंग कार के लिए रख सकते हैं “पायलट”
इसके अलावा इसे चलाना हर इंसान के बस की बात नहीं होगी क्योंकि इसकी ड्राइविंग काफी कठिन है और इसे सीखने में भी अधिक समय लग सकता है। हाँ, यह ज़रूर हो सकता है कि जैसे कार के लिए ड्राइवर रखते हैं वैसे फ्लाइंग कार के लिए “पायलट” रख सकते हैं।
इन्हीं सब की वजह से अगर उड़ती हुई कारों को दुनिया का भविष्य बनाना है और आम इंसान के हाथ में इस कार की चाबी थमानी है तो उसके लिए सख्त कानून के साथ किन लोगों को यह कार मिलेगी उसका प्रावधान बनाना होगा
और आकाश में लोगों को नियम पालन कराने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाने होंगे, इन सब की तैयारी पूर्णरूप से करने के बाद ही फ़्लाइंग कार को इस्तेमाल करने की अनुमति आम नागरिक को मिलनी चाहिए।