जयपुर: राज्य सरकार नशा मुक्ति के लिए नशे की लत से ग्रसित और हथकढ़ शराब बनाने में लिप्त व्यक्तियों तथा परिवारों के पुनर्वास के लिए नवजीवन योजना के विस्तार के लिए नई कार्ययोजना लागू करेगी। इस क्रम में पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा की स्मृति में नशे की लत के खिलाफ व्यापक जन-जागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस विषय में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर 25.74 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट प्रावधान को स्वीकृति दी है।
वर्ष 2009 में, राज्य में हथकढ़ शराब से जुड़े परिवारों के पुनर्वास के लिए ‘नवजीवन योजना’ शुरू की गई थी। इसके सकारात्मक परिणामों के दृष्टिगत राज्य बजट वर्ष 2021-22 में योजना के विस्तार तथा नशे की प्रवृत्ति के खिलाफ राज्यव्यापी जन-जागरूकता अभियान की घोषणा की गई थी।
स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार, नई कार्ययोजना के तहत नशे की लत से ग्रसित व्यक्तियों और परिवारों के चिन्हिकरण और पुनर्वास के लिए नवजीवन योजना के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों के लिए 22.60 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इसके तहत लक्षित समूह के 5 हजार व्यक्तियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिस पर कुल 11.2 करोड़ रुपये खर्च होंगे। आधारभूत संरचना के लिए 10 करोड़ रुपये खर्च करने का बजट प्रावधान है।
इस योजना के तहत संबंधित परिवारों के स्कूली बच्चों के दो हजार साइकिलों के वितरण के लिए 70 लाख रुपये, लक्षित व्यक्तियों एवं परिवारों के सर्वे के लिए 60 लाख रुपये तथा 500 विद्यार्थियों को छात्रावास के लिए 10 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
नशा मुक्ति के लिए होंगे जम कर प्रचार-प्रसार
इसके अतिरिक्त, नशे से ग्रसित परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट योजना, महात्मा गांधी नरेगा और राजीविका योजना के अन्तर्गत ऋण अनुदान और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत फीस पुनर्भरण से लाभान्वित किया जाएगा।
प्रस्ताव के अनुसार, नशे की प्रवृत्ति के खिलाफ गुरुशरण छाबड़ा जनजागरूकता अभियान के तहत पंचायत स्तर तक विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाएंगी, जिन पर 3.14 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लक्षित समूह की बस्तियों में जागरूकता शिविरों के आयोजन पर 1.64 करोड़ रुपये और राज्य स्तर पर इलेक्ट्रोनिक मीडिया एवं समाचार पत्रों में विज्ञापन तथा फिल्म निर्माण पर 1 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
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अभियान के तहत जिला स्तर पर नशा मुक्ति के लिए प्रचार-प्रसार, विज्ञापन, होर्डिंग्स, पैम्पलेट्स वितरण आदि किया जाएगा, जिसके लिए 50 लाख रुपये का बजट प्रस्तावित है। साथ ही, अन्य नशा मुक्ति कार्यक्रमों और योजनाओं के तहत फिल्म प्रदर्शन, लघुकथा एवं नुक्कड़ नाटक, खेलकूद प्रतियोगिताएं, नवाचार प्रोत्साहन और शैक्षणिक विकास गतिविधियां संचालित की जाएंगी।
गहलोत के इस निर्णय से पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा के साथ 8 सितम्बर, 2013 को हुए समझौते की पालना के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर है। इस क्रम में नशे के आदी तथा हथकढ़ शराब बनाने में लिप्त परिवारों की इस बुराई से मुक्ति और पुनर्वास कर उन्हें रचनात्मक कार्यों के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।