- कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में पलटी पुलिस गाड़ी, भागने का कर रहा था प्रयास
- एसटीएफ जवान का असलहा खींचकर भागा और किया हमला, जवाबी कार्यवाही में मौत
कानपुर: सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की नृशंस हत्या करने वाला शातिर अपराधी विकास दुबे आखिरकार मारा गया। एसटीएफ की टीम उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन से कानपुर ला रही थी। कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में पुलिस की गाड़ी पलटने पर वह भागने लगा और एसटीएफ के हथियार छीन एसटीएफ टीम पर फायरिंग करने लगा। इस पर एसटीएफ की जवाबी कार्यवाही में विकास दुबे मारा गया और शव पोस्टमार्टम पहुंचाया जा रहा है।
चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव निवासी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने दो जुलाई की रात दबिश देने गयी पुलिस टीम पर अपने साथियों संग अधाधुंध फायरिंग की थी। इस घटना में बिल्हौर सीओ देवेन्द्र मिश्रा, शिवराजपुर थानाध्यक्ष महेश यादव समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गये थे। घटना के बाद से उस पर बराबर इनाम बढ़ता गया और पांच लाख रुपये की इनामी राशि के बाद गुरुवार को वह मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया।
नेशनल हाईवे में गाड़ी पलटने से हुआ हादसा
उत्तर प्रदेश की एसटीएफ टीम उसे गुरुवार को रात में उज्जैन लेने गयी थी और शुक्रवार को भोर पहर कानपुर ला रही थी। पुलिस की गाड़ियां तेजी से कानपुर की ओर बढ़ रही थी और बर्रा थाना क्षेत्र के नेशनल हाइवे में बारिश होने के चलते एसटीएफ की गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गयी।
इस पर मौका पाकर शातिर अपराधी विकास दुबे एसटीएफ जवानों के हथियार खींच भागने लगा और एसटीएफ पर जानलेवा हमला कर दिया। एसटीएफ ने भी जवाबी फायरिंग की और विकास दुबे मारा गया। एसटीएफ विकास दुबे के शव को लेकर पोस्टर्माटम पहुंच रही है और घायल एसटीएफ के जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
विकास के मारे जाने पर जनपद को पूरी तरह से अलर्ट कर दिया गया है और सभी पुलिस के अधिकारी घटना स्थल और पोस्टमार्टम के लिए रवाना हो गये हैं। एडीजी जोन जय नारायण सिंह ने विकास के मारे जाने की पुष्टि की। एसपी पश्चिमी डॉ अनिल कुमार ने बताया कि विकास को सात से आठ गोली लगी है और घायल पुलिस कर्मियों को सीएचसी कला में भर्ती कराया गया है।