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April 18, 2024
देश

‘उमर गौतम’- धर्मांन्तरण के लिए कई देशों में कर चुका है सफर

- धर्मांतरण मामला : पकड़ा गया उमर खुद को बताया पूर्व प्रधानमंत्री का भतीजा
- मूक-बधिर बच्चों का धर्म परिवर्तन कर कराता था आतंकी हमला 
- उमर गौतम क्षत्रिय को एक दावत ने बनाया मुसलमान

लखनऊ : आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने धर्मांतरण के मामले का खुलासा किया है। इस प्रकरण में दिल्ली के जामियानगर के मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी को पकड़ा है। पूछताछ में इनके खतरनाक मंसूबे सामने आये हैं।

सूत्रों का मानना है कि नोएडा सेक्टर-117 स्थित डेफ सोसाईटी में मूक-बधिर बच्चों को उनके धर्म के प्रति अनेक प्रकार की भ्रांतिया फैलाकर मुस्लिम धर्म में धर्मांन्तरित कर लेते हैं। इसके बाद उन्हें ही अपना हथियार बनाकर भारत समेत कई देशों में आतंक फैलाने की साजिश रचते हैं। ये बच्चे इसलिए भी इनके काम आते है कि ना तो ये बोल पाते हैं और न ही सून पाते हैं। ये सभी लोग खासतौर से चैरिटेबल ट्रस्ट पर चलने वाले संस्थान के छात्र-छात्राओं को अपना निशाना बनाते थे।

धर्मांतरण का खुलासा होने के बाद इनसे जुड़े कई लोगों के वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं। ताजा वीडियो मो. उमर गौतम का वायरल हुआ है। इसमें खुद उमर ने यह दावा किया है कि इस्लामिक दावा सेंटर जामिया दिल्ली में उसने करीब एक हजार लोगों के धर्मांतरण संबंधी डॉक्यूमेंट जारी किए हैं। इस्लामिक सेंटर में महीने में औसत 15 से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण डॉक्यूमेंट किया जाता है।

मोहम्मद उमर गौतम

अरब देशों से हो रही फंडिंग

धर्म परिवर्तन के मामले की जांच कर सुरक्षा जांच एजेंसियों को कई अहम जानकारियां मिली है। धर्मांतरण के लिए अरब देश व विदेशों से फंडिंग की जा रही है। इसमें पाकिस्तान का भी नाम सामने आया है। सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियां देश भर में संदिग्धों के बैंक खाते खंगालने में जुट गईं हैं और 100 से अधिक बैंक खाते रडार पर लिए गए हैं। हालांकि यह गोपनीय जांच है, इसके चलते जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा रही है।

उमर के नाम अरबों की संपत्ति

धर्मांतरण के मामले में पकड़े गए मौलाना उमर गौतम की कई जगहों पर अरबों की संपत्ति होने का पता चला है। अकेले गाजियाबाद में उसकी काफी अचल संपत्ति है। फतेहपुर स्थित बंथुओ के रहने वालों का कहना है कि वह जब भी गांव आता था तो अंदौली का एक व्यक्ति हमेशा उसके साथ रहता था। इस व्यक्ति का बहुआ रोड पर एफसीआई गोदाम के पास ट्रैक्टर ट्राली बनाने का कारखाना है। मो. उमर जब भी जनपद आया, तो इसी शख्स ने सारी व्यवस्थाओं को देखा।

कई देशों में जा चुका है उमर

वायरल वीडियो में वह कह रहा है कि उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपने देश से किसी और देश की यात्रा कर पायेगा। लेकिन इस्लाम कबूल करने के बाद धर्मांतरण कराने के लिए वह कई देशों की यात्रा कर चुका है। उसने बताया कि 18 बार इंग्लैंड, 4 बार अमेरिका, अफ्रीका, सिंगापुर, पौलेंड समेत कई देशों की यात्रा पर जा चुका है।

उसने यह भी कहा कि लोगों को इस्लाम कबूल करने से अल्लाह का काम हो रहा है। इतना ही नहीं वीडियो में वह गोरखपुर के यादव परिवार के लड़के और कानपुर की एक छात्रा का भी नाम ले रहा है, जिसने उससे प्रभावित होकर इस्लाम कबूल किया और उसने गोरखपुर वाले लड़के का नाम मो. उस्मान रखा।

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उमर गौतम क्षत्रिय से बना मुसलमान

श्याम प्रताप सिंह गौतम उर्फ मोहम्‍मद उमर गौतम क्षत्रिय परिवार का है। उसने बताया कि उसके मुसलमान बनने की कहानी बहुत ही दिलचस्‍प है। जब वह ग्रेजुएशन के लिए नैनीताल हॉस्टल में शिफ्ट हुआ तो उस दौरान उसके पैर में चोट लग गई थी। इस दौरान उसकी मदद उसके बगल के कमरे में रहने वाले छात्र ने मदद की थी, जो कि एक मुस्लिम था।

एक बार उसने दावत दी और उसमें श्याम भी शामिल हुआ। दावत और इस्लाम धर्म की बात सुनने पर उसका इस्‍लाम के प्रति झुकाव हो गया है और उसने इस्लाम की किताबें हिंदी में पढ़ी तो उस पर इसका गहरा असर हुआ। इसी वजह से उसने 1984 में अपना धर्म परिवर्तित कर लिया।

खुद को बताया पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह का भतीजा

सोशल मीडिया में वायरल वीडियो के बाद उमर का एक संदिग्ध ट्विटर अकाउंट भी सामने आया है, जिसमें वह खुद को प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह का भतीजा बता रहा है। साथ ही 20 साल पहले सन 1964 में इस्लाम कबूल करने की बात स्वीकारी है।

क्षत्रीय परिवार से ताल्लुक रखता है उमर

उत्तर प्रदेश में फतेहपुर जिले के ग्राम पंथुआ रमवां निवासी उमर क्षत्रिय परिवार से ताल्लुक रखता है। उसके पिता धनराज सिंह सरकारी अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके छह बेटों में उमर चौथे नम्बर का था। इस्लाम कबूल करने से पहले उमर का नाम श्याम प्रताप सिंह था।

उमर के चचेरे भाई राजू सिंह के मुताबिक, उमर 12वीं की पढ़ाई करने के बाद एग्रीकल्चर की शिक्षा लेने के लिए सन् 1979 में नैनीताल के पंतनगर चला गया था और वहां से वर्षों बाद लौटा तो दिल्ली में शिफ्ट हो गया। 1982 में उमर वापस अपने पैतृक गांव लौटा तो परिवार ने उसकी शादी गाजीपुर थाना क्षेत्र के खेसहन गांव में छत्रपाल सिंह की बेटी राजेश्वरी से कर दी।

कुछ दिन बाद ही पत्नी को लेकर वापस दिल्ली चला गया। करीब एक साल बाद उमर गौतम उर्फ श्याम प्रताप सिंह ने मुस्लिम धर्म अपना लिया। पत्नी का भी धर्म बदलकर उसे राजेश्वरी से रजिया बना दिया। जब इसकी जानकारी परिवार को हुई तो उसे घर और सम्पत्ति से अलग कर दिया गया। जब उसके पिता का देहांत हुआ तो वह अंतिम संस्कार में भी नहीं आया था।

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