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June 20, 2025
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चक्रवात ‘निवार’ बुधवार शाम तक तमिलनाडु और पुडुचेरी पहुंचेगा

- एनडीआरएफ की 30 टीमें तैनात की गईं

बेंगलुरु: चक्रवाती तूफान ‘निवार’ बुधवार शाम तमिलनाडु और पुडुचेरी में पहुंच सकता है। यह जानकारी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने एक ट्वीट में दी है। निवार मंगलवार सुबह बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी पर व्यावहारिक रूप से स्थिर रहा और पुडुचेरी के पूर्व-दक्षिण पूर्व में 410 किमी और चेन्नई से 450 किमी दक्षिण-पूर्व में है। कल शाम को इसके 100-110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कराईकल और मामल्लपुरम के बीच तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों से गुजरने का पूर्वानुमान है। 

मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में इसके एक गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है। तमिलनाडु और पुडुचेरी में बारिश का सिलसिला 27 नवम्बर तक जारी रह सकता है। एक बुलेटिन में कहा गया है कि तूफान 25 नवम्बर की शाम को कराईकल और मामल्लापुरम के बीच तमिलनाडु और पुडुचेरी के तट से टकरा सकता है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की पहले ही हिदायत कर दी गई है।

चक्रवात ‘निवार’

चेन्नई स्थित मौसम विज्ञान विभाग के उपमहानिदेशक एस बालचंद्रन के अनुसार तटीय जिलों में कई स्थानों पर और कुछ अंदरूनी स्थानों पर बुधवार सुबह तक हल्की बारिश हो सकती है। चेन्नई में बारिश जारी रहेगी और एक या दो क्षेत्रों में अधिक तीव्रता से हो सकती है। तूफान की आशंका को देखते हुए पुडुचेरी में जिलाधिकारी ने आज रात 9 बजे से 26 नवम्बर की सुबह 6 बजे तक धारा 144 लागू की है। 

एनडीआरएफ की एक बटालियन अराकोणम और दूसरी विजयवाड़ा में मौजूद

बुधवार को उत्तर तटीय जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की उम्मीद जताई गई है। चक्रवात के तट पर आने पर बुधवार को नागपट्टिनम, कराईकल, पुडुचेरी, मयिलादुथुराई, कुड्डलोर, विल्लुपुरम और चेंग्गपेट में तेज रफ्तार से हवा चल सकती हैं। एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान के अनुसार हमारे पास आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी में एनडीआरएफ की कुल 30 टीमें हैं। पुडुचेरी और तमिलनाडु में संयुक्त रूप से 9 टीमें हैं। एनडीआरएफ की एक बटालियन अराकोणम और दूसरी विजयवाड़ा में मौजूद है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने एक समीक्षा बैठक की और कैबिनेट सहयोगियों एवं अधिकारियों को पूरी तरह सतर्क रहने को कहा है। राजस्व मंत्री आर बी उदयकुमार ने कहा है कि निचले इलाकों में रह रहे लोगों को तत्काल राहत शिविरों में चले जाना चाहिए और जिन इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका है, वहां लोगों को आवश्यक वस्तुओं का भंडार रखना चाहिए।

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