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April 25, 2024
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लाखों पदों पर स्थाई भर्ती की मांग को लेकर 23 व 24 फरवरी को होगी हड़ताल

हिसार, 27 जनवरी (हि.स.)। अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ के राष्ट्रीय चेयरमैन एमएल सहगल ने कहा है कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर 23-24 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की तैयारियों में सभी राज्यों के सरकारी विभागों, बोर्ड, निगमों, विश्वविद्यालयों, सहकारी संस्थानों, संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिक व कर्मचारी संगठन पूरी सक्रियता से जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार की यह हड़ताल वेतन, भत्तों की बढ़ोतरी के लिए नहीं बल्कि विभागों को बचाने व उनमें लाखों पदों पर स्थाई भर्ती की मांग पर है।

स्थाई भर्ती हड़ताल

हड़ताल की तैयारियों बारे एमएल सहगल ने गुरुवार को कहा कि यह राष्ट्रव्यापी हड़ताल ऐसे गंभीर हालात में हो रही है जब देश की आजादी के बाद 74 सालों में जिस पब्लिक सेक्टर ने देश के विकास की नींव रखी और लाखों युवाओं को रोजगार देने का काम किया, उसको वर्तमान केंद्र सरकार बेचने में लगी हुई है।

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा कारपोरेट घरानों के हित साधने के उद्देश्य से रेलवे, बैंक, बीमा, हवाई सेवाएं, समुद्री सेवाएं, कोयला, डिफेंस, बिजली, शिक्षा व स्वास्थ्य आदि से संबंधित पब्लिक सेक्टर के संस्थानों को बेचकर रोजगार के अवसर खत्म किए जा रहे हैं।

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एमएल सहगल ने संयुक्त किसान मंच के एक तथाकथित नेता गुरनाम सिंह चढूनी द्वारा 23-24 फरवरी की राष्ट्रव्यापी हड़ताल को समर्थन नहीं देने को लेकर बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 378 दिन तक दिल्ली बॉर्डर पर चले आंदोलन का राष्ट्रीय ट्रेड यूनियनों ने पूर्ण रूप से समर्थन ही नहीं किया अपितु हर स्तर पर सक्रिय भागीदारी भी की और 27 सितंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद में भाग लिया।

एमएल सहगल ने कहा कि यह हड़ताल वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी की मांग को लेकर नहीं हो रही अपितु रेलवे में रिक्त पड़े 14 लाख पदों, विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्ड, निगमों, विश्वविद्यालयों, सहकारी संस्थानों व बैंकों में रिक्त स्वीकृत 86 लाख पदों पर स्थाई भर्ती करने, समान काम-समान वेतन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू करवाने, केंद्रीय नीतियों आधीन कार्यरत स्कीम वर्करों जैसे आशा वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर, ग्रामीण चौकीदार, मिड डे मिल वर्कर को न्यूनतम 24 हजार रुपए वेतन देने, पुरानी पैंशन योजना को बहाल करने, सरकारी विभागों का निजीकरण बंद करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर हो रही हे।

उन्होंने दावा किया कि यह हड़ताल पूर्ण रूप से सफल रहेगी। यदि इस हड़ताल से भी सरकार ने सबक नहीं लिया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल होनी तय है।

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