व्यक्ति के चेहरे की मुस्कान सामने वाले व्यक्ति को प्रभावित करती है लेकिन अगर दांतों में पीलापन हो तो इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। आज के वर्तमान समय में दांतों का बढ़ता पीलापन एक विकट समस्या बनता जा रहा है। युवा हो या मध्यम आयु वर्ग अधिकतर लोग इस मुसीबत को झेल रहे हैं।
जैसे कोई व्यक्ति अपने चेहरे, बाल, त्वचा को सुन्दर बनाने के लिए अनेक उपाय करता रहता है लेकिन इन सबके बीच वह दांतों की देखभाल को नज़रअंदाज़ करता रहता है जिससे उसके दांतों में बैक्टीरिया एकत्र होना शुरू हो जाता है जिसे “Plaque” कहा जाता है।
प्लाक की वजह से देखते ही देखते व्यक्ति के सफेद दांतों में पीलापन आने लगता है, मुँह से दुर्गन्ध आनी शुरू हो जाती है, साथ ही दांतों में कीड़े लगने की संभावना भी अधिक बढ़ जाती है। ऐसे में इस समस्या को दूर करने के लिए व्यक्ति मशीन से अपने दांतों की सफाई करवाता है।
दांतों का पीलापन दूर करने के कुछ घरेलू उपाय:
लेकिन आयुर्वेद में इसका समाधान पहले से ही है लेकिन इस आधुनिक ज़माने के सामने लोग इसे अनदेखा कर रहे हैं। उन्हीं में से कुछ नुस्खे मौजूद हैं जिसे अपना कर दांतों के पीलापन से छुटकारा पाया जा सकता है।
- 4-5 लौंग लेकर उसका चूर्ण बना लें। उसके बाद एक चुटकी खाने का सोडा लें। एक चम्मच में लौंग का चूर्ण, सोडा तथा नारियल का तेल व निम्बू के 3-4 बूंद मिलाकर उसका पेस्ट बना लें और सप्ताह में एक से दो बार इसका उपयोग अपने दांतों में करें, जल्द ही व्यक्ति को इसका लाभ देखने को मिलेगा।
- 100 ग्राम “दाना मेथी” में नौ-दस छोटी इलायची साथ ही तीन लौंग मिलाकर इसका चूर्ण बना लीजिये और प्रतिदिन चौथाई चम्मच चूर्ण से अपने दांतों में उपयोग कीजिये। ज़ाहिर तौर में इसका फर्क पन्द्रह दिनों में साफ देखने को मिलेगा।
- दो चुटकी सेंधा नमक के साथ 2 से 3 बूंद सरसों का तेल डालकर उससे अपने दांतों तथा मसूड़ों की मालिश कीजिये। इसका फायदा यह होगा कि आपके मसूड़ों से अगर रक्त आता है तो बन्द हो जाएगा साथ ही दांतों में भी चमक आएगी।
- स्ट्रॉबेरी में “मैलिक एसिड” मौजूद होता है जो दांतों में सफेदी लाने में मदद करता है।
इसको अच्छे से पीस कर हफ्ते में एक बार अपने दांतों में रगड़ने से उसमें चमक आती है। अब अंत में सेब का सेवन करने से भी हमारे दांतों तथा मसूड़ों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसे अच्छे से चबा कर खाने से दांतों तथा मसूड़ों की मालिश हो जाती है। इसके अलावा खीरा तथा गाज़र को भी अच्छे से चबाकर उपयोग करने से दांतों को फायदा होता है।
किन चीज़ों का करें परहेज़:
यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान, शराब, चाय-काफी या तंबाकू का सेवन अधिक करता है तो इसका नुकसान आपको अपने दांतों के अलावा शरीर में भी देखने को मिलेगा। ये सारे नुस्खे व्यर्थ हैं अगर कोई व्यक्ति इन सबका सेवन करता है, क्योंकि यह सभी पदार्थ व्यक्ति के दांतों को पीला करने में मदद करते हैं। ऐसे में अगर दांतों में मजबूती तथा सफेदी लानी है तो इन सबका सेवन तत्काल रूप से बन्द करना पड़ेगा।
क्या टूथपेस्ट करना सही रहेगा या नहीं?
तो इसका जवाब है कि आज से सौ सालों पहले की बात करें तो उस वक्त कोई टूथपेस्ट मौजूद नहीं था। लोग “दातून” से अपने को साफ किया करते थे। जिससे उनके दांतों में सफेदी तथा मजबूती दोनों रहती थी। यहाँ तक कि अखरोट को भी पहले ज़माने के लोग अपने दांतों से ही तोड़ लिया करते थे। मगर आज विज्ञान की चकाचौंध में लोग दातून से टूथपेस्ट में आ गए हैं। जिसका नतीजा यह है कि टूथपेस्ट को कई केमिकल्स से मिलाकर बनाया जाता है जो कि दांतों के लिए हानिकारक होता है।
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अपने दांतों की सफाई “मशीन” से करवानी चाहिए?
इसका जवाब है कि मशीन से दांतों की सफाई करवाने से उसमें कमजोरी आ जाती है। इसके पीछे की वजह है कि यह दाँतों की जड़ों को हिलाकर रख देता है, मसूड़ों को कमज़ोर बना देता है और एक बार मशीन से सफाई करवाने के बाद कुछ महीनों में फिर से दांतों का पीलापन जमा होना शुरू हो जाता है। ऐसे में बार-बार मशीन से दाँतों की सफाई बिल्कुल भी ठीक नहीं है। इस लिए हो सके तो घरेलू नुस्खे अपना कर इन सबसे बच कर रहना चाहिए। इन सबके अलावा “टूथब्रश” को अपने दांतों पर तेज़ी से रगड़ने पर इसमें कमजोरी आ जाती है।
साथ ही मसूड़ों से रक्त आने की संभावना बढ़ जाती है। यही वजह है कि बच्चों को कम उम्र में उनके दांतों में कीड़े लग जाते हैं साथ ही मध्यम आयु वर्ग के दांतों में कमजोरी आने से टूटने लगें हैं। इस लिए मुलायम टूथब्रश का ही उपयोग करें अथवा हो सके तो उंगली से ही अपने दांतों को साफ करें। ऐसे में इन सबका यही उपाय है कि हमें जो प्राकृतिक चीज़ें मिली हैं उनका उपयोग करने से हमारे दांतों की चमक तथा मजबूती दोनों मिलेगी।