नई दिल्ली: उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों से सामाजिक समस्या ओं पर शोध करने का आग्रह किया है। उप राष्ट्रपति वेंकैया ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आईआईटी, दिल्ली के हीरक जयंती समारोह का उद्घाटन किया। उन्होंने आईआईटी दिल्ली के हीरक जयंती चिन्ह तथा आईआईटी दिल्ली, 2030 विजन डॉक्यूमेंट का भी लोकार्पण किया।
वेंकैया ने कहा कि अनुसंधान समाज के लिए प्रासंगिक होना चाहिए। उन्होंने युवाओं से मानव जाति को जलवायु परिवर्तन से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान खोजने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। उन्होंने कहा कि देश के सम्मुख आने वाली विभिन्न समस्याओं का इष्टतम और स्थायी समाधान खोजकर अपने आसपास के समाज को प्रभावित करने पर भारतीय संस्थानों को दुनिया के सबसे अच्छे देशों में गिना जाना लगेगा।
निवेश का आह्वान
सामाजिक समस्या ओं के समाधान खोजने पर केंद्रित आरएंडडी परियोजनाओं में अधिक निवेश का आह्वान करते हुए उप राष्ट्रपति ने निजी क्षेत्र से ऐसी परियोजनाओं की पहचान करने और उन्हें उदारतापूर्वक निधि देने में शिक्षाविदों के साथ सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अनुसंधान लोगों के जीवन को आरामदायक बनाने पर ध्यान केंद्रित करें, प्रगति को तेज करें और एक अधिक न्यायसंगत विश्व व्यवस्था सुनिश्चित करें।
किसान समस्याओं पर फोकस
नायडू ने किसानों और ग्रामीण भारत की समस्याओं पर ध्यान देने के लिए आईआईटीयन से आह्वान किया कि वे न केवल कृषि-उत्पादन को बढ़ाने के लिए काम करें, बल्कि विशेष रूप से पौष्टिक और प्रोटीन युक्त भोजन के उत्पादन पर भी ध्यान दें।
उन्होंने कहा कि देश की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी आज भी कृषि पर निर्भर है, आईआईटी के लिए आवश्यक है कि वे सस्ती और उपयोगी टेक्नोलॉजी के माध्यम से ग्रामीण विकास के स्थाई समाधान निकालने पर अनुसंधान करें।
नई शिक्षा नीति
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि नई शिक्षा नीति में भारत को विश्व में शिक्षा के केन्द्र के रूप में प्रतिष्ठित करना है। उन्होंने कहा कि केवल आठ भारतीय संस्थान वैश्विक स्तर पर शीर्ष 500 में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि नई शिक्षा नीति के तहत, भारत में ही कम कीमत पर बेहतरीन शिक्षा को सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है।
उच्च शिक्षा संस्थानों के मानक
वेंकैया ने कहा विश्व के चुने हुए 100 श्रेष्ठतम उच्च शिक्षा संस्थानों को भारत में आमंत्रित कर, हम शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता के उच्चतर मानदंड स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को बदलना होगा और सभी हितधारकों-सरकारों, विश्वविद्यालयों, शिक्षाविदों और निजी क्षेत्र से ठोस और सामूहिक कार्रवाई करनी होगी ताकि हमारे उच्च शिक्षा संस्थानों के मानकों और गुणवत्ता में मौलिक सुधार हो सके।
आईआईटी के छात्र रोजगार पैदा करने वाले
आईआईटी दिल्ली के उद्यमशीलता के क्षेत्र में अग्रणी के रूप में उभरने पर नायडू ने कहा, यह अच्छा संकेत है कि आईआईटी दिल्ली जैसे संस्थान नौकरी चाहने वालों के बजाये रोज़गार पैदा करने वाले मेधावी उद्यमी युवाओं को शिक्षित प्रशिक्षित कर रहे हैं और देश में अन्य संस्थानों के लिए ट्रेंडसेटर बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 2019 में 153 पेटेंट्स के मुकाबले, इस वर्ष 2020 में आईआईटी दिल्ली द्वारा 200 पेटेंट्स फाइल करने का लक्ष्य है। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक और आईआईटी के निदेशक वी राम गोपाल राव भी मौजूद थे।
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