-नीति निर्माताओं और प्रौद्योगिकीविदों के लिए संसाधन केंद्र के रुप में भी करेगा काम
कानपुर: वैश्विक पटल पर जलवायु समाधान और ऊर्जा नीति अहम मुद्दा बनता जा रहा है और तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी देश इसमें काम भी तेजी से कर रहे हैं। ऐसे में विश्व में अपनी मेधा का लोहा मनवाने वाला IIT Kanpur कैसे पीछे रह सकता है।
इन दोनों मुद्दों पर भारत को ताकतवार बनाने के लिए अब IIT Kanpur में चंद्रकांता केसवन केन्द्र स्थापित होगा। हालांकि इस केन्द्र के पीछे IIT के पूर्व छात्र सुधाकर केसवन का अहम योगदान है और यह केन्द्र उन्ही की मां के नाम पर होगा।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर जलवायु परिवर्तन की समस्याओं के व्यावहारिक समाधान के साथ नीति निर्माताओं की सहायता के लिए ‘चंद्रकांता केसवन सेंटर फॉर एनर्जी पॉलिसी एंड क्लाइमेट सॉल्यूशंस’ की स्थापना की है।
पेरिस जलवायु समझौते के एक हस्ताक्षरकर्ता के रुप में भारत के उत्सर्जन को कम करने और स्थायी रुप से बढ़ने के लिए अनुकूलन और प्रौद्योगिकियों को लागू करने की आवश्यकता होगी।
केंद्र का उद्देश्य भारत और दुनिया को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करने के लिए प्रौद्योगिकी और नीतिगत समाधानों के विकास का नेतृत्व करना होगा। इस केंद्र को स्थापित करने के लिए एक समझौते पर 15 जुलाई, 2021 को IIT Kanpur और यहां से 1976 की कक्षा के पूर्व छात्र सुधाकर केसवन के बीच हस्ताक्षर किए गए थे।
केंद्र का नाम उनकी मां डॉ. चंद्रकांता केसवन की याद में रखा गया है, जो विज्ञान में भारतीय महिलाओं के लिए एक आदर्श थीं। सुधाकर और उनकी पत्नी अलका केसवन ने केंद्र की विभिन्न गतिविधियों को समर्थन देने के लिए 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया है।
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स्वायत्त संगठन के रुप में करेगा काम
चंद्रकांता केसवन केन्द्र IIT Kanpur के भीतर एक स्वायत्त संगठन के रुप में काम करेगा। इसे स्थायी ऊर्जा इंजीनियरिंग विभाग में शामिल किया जाएगा और इसके साथ मिलकर काम करेगा।
केंद्र शैक्षिक दुनिया के बाहर बड़े पैमाने पर देश में प्रौद्योगिकी और विज्ञान आधारित समाधानों को लागू करने के उद्देश्य से नीति, संचार, शिक्षा और आउटरीच प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करेगा। केंद्र इन मुद्दों पर चर्चा और समाधान के लिए दुनिया भर के प्रख्यात शिक्षाविदों, प्रौद्योगिकीविदों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं को एक साथ लाने का एक मंच बन जाएगा।
केसवन का कहना
सुधाकर केसवन ने कहा कि मैं जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रभावशाली पहल करने में संस्थान के प्रयासों का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।
मेरा मानना है कि चंद्रकांता केसवन सेंटर फॉर एनर्जी पॉलिसी एंड क्लाइमेट सॉल्यूशंस नीति, संचार, शिक्षा और आउटरीच प्रयासों में एक नया आयाम जोड़ेगा, ताकि प्रौद्योगिकी और विज्ञान आधारित समाधान समाज में प्रभावी ढंग से लागू किए जा सकें।
IIT Kanpur के निदेशक का कहना
IIT के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा कि स्थायी ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते महत्व के दौर में यह केंद्र भारत और दुनिया को ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन में चुनौतियों से निपटने में मदद करने के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी और नीतिगत समाधानों को बढ़ावा देगा और विकसित करेगा।
सतत विकास के लिए IIT Kanpur की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने के लिए मैंने केंद्र से अगले पांच वर्षों के भीतर IIT कानपुर को कार्बन न्यूट्रल बनने के लिए एक योजना विकसित करने के लिए कहा है।
केंद्र का व्यापक उद्देश्य निम्न कार्बन समाधान विकसित करना, एक उपयुक्त नीतिगत ढांचे के निर्माण के लिए ज्ञान प्रदान करना और एक स्थायी जीवन प्राप्त करने की दिशा में जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों को कम करने में मदद करने के लिए विभिन्न हितधारकों से जुड़ना है। केंद्र नीति निर्माताओं और प्रौद्योगिकीविदों के लिए संसाधन केंद्र के रूप में भी काम करेगा।