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April 17, 2024
Dustak Special

क्या है Pegasus Spyware? इससे जासूसी के मामले में कैसे घिरी सरकार

हिंदुस्तान में पहले से ही राजनीतिक माहौल काफी गर्म है। ऐसे में भारत सरकार के ऊपर यह आरोप लगा है कि उसने इज़राइल देश का साफ्टवेयर “Pegasus Spyware” को लोगों तथा नेताओं की जासूसी करने के लिए इस्तेमाल किया है।

Pegasus Spyware

संसद में विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर काफी हंगामा किया और बीजेपी के ऊपर लगाए गए जो भी आरोप हैं उसने वर्तमान की राजनीति में नया मोड़ लाने का कार्य किया है। इस पर भाजपा का कहना है कि उसने लोगों की जासूसी करने के लिए इस साफ्टवेयर का उपयोग नहीं किया है।

लेकिन उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता “सुब्रमनियन स्वामी” ने ही कहा है कि Pegasus Spyware का इस्तेमाल किया गया था अपनी पार्टी के नेताओं पर तथा अन्य नेताओं पर निगरानी करने के लिए। वहीं कांग्रेस पार्टी का कहना है कि इसकी तह तक जांच की जानी चाहिए और इस साफ्टवेयर का इस्तेमाल किस तरीके से किया गया है उसकी जानकारी देनी चाहिए।

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर क्या है Pegasus Spyware?

“मालवेयर” जो कि नुकसान पहुंचने वाला साफ्टवेयर है उसी का एक प्रकार है जिसका नाम “स्पाइवेयर” है। मालवेयर के कई अन्य प्रकार होते हैं जो कि कंप्यूटर के डाटा को हैक कर सकते हैं। वहीं बात करें स्पाइवेयर की तो इसका इस्तेमाल “जासूसी” करने के लिए किया जाता है और “पेगासस” के निर्माता इज़राइल की प्राइवेट कम्पनी “NSO” है।

NSO का साफ कहना है कि इस साफ्टवेयर की मदद से किसी के भी फोन को “हैक” किया जा सकता है। जैसे कोई व्यक्ति वाट्सएप्प पर कौन सा सन्देश भेज रहा है, किसी को एसएमएस या फोन कर रहा है यानी कुल मिलाकर सारी जानकारी इस Pegasus Spyware की मदद से मिल सकती है।

काम कैसे करता है यह साफ्टवेयर?

किसी भी व्यक्ति को एक अंजान नम्बर से काल आएगी और उसके उठाते ही मोबाइल का सारा डाटा मिल जाएगा और जिस नम्बर से फोन आया है बाद में उसकी कॉल डिटेल्स भी अपने आप डिलीट हो जाएगी और इस तरह से व्यक्ति का फोन हैक हो जाता है। अब जब इतना खतरा है इस साफ्टवेयर को लेकर तो आखिर इज़राइल इसे बेचता क्यों है?

तो इस पर एनएसओ का स्पष्ट कहना है कि वे इसका प्रयोग दुनिया में “ग्लोबल सेक्युरिटी” तथा “स्टेबिलिटी” बनाए रखने के लिए करते हैं। साथ ही इनका ये भी कहना है कि आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए इस साफ्टवेयर का उपयोग किया जा सकता है और यदि कोई आतंकवादी है।

साथ ही उसकी जानकारी सरकार के पास नहीं है तो वह Pegasus Spyware का उपयोग करके उसकी काल डिटेल्स आराम से निकाल सकती है और उसे पकड़ने में आसानी होगी। इस साफ्टवेयर का सकारात्मक पहलू यह है कि इसकी मदद से आज तक हज़ारों लोगों की जान बचाई जा चुकी है, कई अपराधी भी पकड़े गए हैं और आतंकवादी हमले भी रोके गए हैं।

तो क्या भारत सरकार ने पेगासस साफ्टवेयर का गलत इस्तेमाल किया है?

ज़ाहिर तौर पर जबसे इस खतरनाक साफ्टवेयर का ज़िक्र हुआ तभी से कई लोगों के मन में यही सवाल उठ रहा है। लेकिन सरकार ने स्पष्ट रूप से इसका गलत उपयोग करने से इंकार किया है और यह जो भी आरोप भारत सरकार पर लगाए गए हैं तो क्या यह राजनीतिक खेल सिर्फ यहीं हो रहा है? इसका जवाब है “नहीं”।

ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत सरकार के ऊपर इस साफ्टवेयर का दुरुपयोग करने के आरोप लगे हैं बल्कि अन्य देश की सरकारों पर जैसे सऊदी अरब, कजाकिस्तान, मैक्सिको तथा कुछ और देशों में भी वहाँ के विपक्षी दलों ने यह आरोप अपनी सरकार पर लगाए हैं।

किसने इस मामले को सबसे पहले उठाया?

तो इन सभी देशों में इस साफ्टवेयर का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है ऐसा कहना है मीडिया संगठनों का जैसे “दा गार्जियन” ,” दा वाशिंगटन पोस्ट” भारत की तरफ से “दा वायर” और ऐसे 17 मीडिया संगठन हैं जो कि सामने आए हैं जिन्होंने इस पर उनकी दी गई रिपोर्ट द्वारा यह कहा गया है कि इन सभी देशों ने Pegasus Spyware का दुरुपयोग किया है और यहीं से यह मामला लगातार बढ़ता जा रहा है।

अब प्रश्न यह है कि इनके पास इस बात को साबित करने के लिए कोई प्रमाण है? तो इन सभी के पास आरोप के अलावा ऐसा कोई ठोस सबूत फिलहाल के लिए नहीं है।

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इस मामले पर भारत सरकार ने क्या कहा है?

जो साफ्टवेयर बनाया गया है आतंकवादियों को पकड़ने के बजाए उसका इस्तेमाल सामान्य नागरिकों की निजी ज़िन्दगी पर निगरानी करने के लिए किया जा रहा है, तो क्या ऐसा करना सही है? तो इसका जवाब है “नहीं” क्योंकि भारत के संविधान में “राइट टू प्राइवेसी” के द्वारा यह स्पष्ट कहा गया है कि सरकार को कोई हक नहीं है कि वह किसी भी व्यक्ति की निगरानी करे।

इसी लिए भारत सरकार ने इस मुद्दे पर साफ कहा है कि वह भी राइट टू प्राइवेसी का पालन कर रही है और उसने भारत के किसी भी व्यक्ति की जासूसी नहीं की है और वह उसके ऊपर लगे सारे आरोपों का खंडन करती है।

इस मामले में NSO का क्या कहना है?

जिस प्रकार से अधिकतर देश के सरकारों पर यह गम्भीर आरोप लगे हैं। तो दूसरी ओर एनएसओ भी घेरे में आ गया है और सवाल उससे भी किए जा रहे हैं कि उसको सामने आकर यह बताना चाहिए कि उसने किस-किस पर निगरानी करी है।

इसके जवाब में NSO का कहना है वह ऐसा बिल्कुल भी नहीं करेगी क्योंकि इसकी वजह से उन आतंकवादियों तथा अपराधियों को पता चल जाएगा कि उनके ऊपर निगरानी की जा रही है और सरकार उन पर वार करने की सोच रही है। तो कुल मिलाकर हिंदुस्तान में यह मामला तेज़ी से तूल पकड़ रहा है। ऐसे में देखना यह होगा कि भारत सरकार पर लगे इस गम्भीर आरोप के जवाब में कौन सा बड़ा कदम उठाती है।

-यशस्वी सिंह

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