आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(Artificial Intelligence) वर्तमान में दुनिया की सबसे श्रेष्ठ तकनीक है। आर्टिफिशियल और इंटेलिजेंस से मिलकर इस तकनीक का निर्माण हुआ है। जिसका अर्थ है ‘मानव निर्मित सोच शक्ति’। इस तकनीक की सहायता से ऐसा सिस्टम तैयार हो सकता है, जो मानव बुद्धिमत्ता यानी इंटेलिजेंस के बराबर ही होगा।
यह भी कहा जा सकता है कि आर्टिफिशियल इटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान की ऐसी शाखा है, जिसका काम बुद्धिमान मशीन बनाना है। एक ऐसी मशीन बनाना जो इंसानों की तरह ही सोच समझ सके। इस तकनीक के जरिए अल्गोरिदम सीखने, समस्या-समाधान भाषा, पहचानने, प्रोसेसिंग, लाजिकल रीजनिंग, डिजिटल डेटा ,बायोइंफार्मेटिक्स और मशीन बायोलाजी को आसानी से समझा जा सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास
जॉन मेकार्थी के द्वारा साल 1955 में आधिकारिक तौर पर इस तकनीक को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) नाम दिया था। जॉन मेकार्थी एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे, उनके द्वारा मशीनों को स्मार्ट बनाने के लिए AI को परिभाषित किया गया था, लेकिन इसकी महत्ता को 1970 के दशक में पहचाना गया। सबसे पहले जापान ने इसकी पहल की और 1981 में 5th generation योजना को शुरू किया।
इसमें 10-वर्षीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई थी, और यह योजना सुपर-कंप्यूटर के विकास पर आधारित थी। फिर अन्य देशों ने भी इस तरफ ध्यान दिया। ब्रिटेन ने भी इसके लिये ‘एल्वी‘ नाम से प्रोजेक्ट बनाया। इसी के साथ यूरोपीय संघ के देशों ने भी ‘एस्प्रिट’ नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी। 1983 में कुछ निजी संस्थाओं ने एक साथ मिलकर ‘माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी’ की स्थापना की।
यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर लागू होने वाली तकनीकों, जैसे-Very Large Scale Integrated सर्किट का विकास करने के लिये एक संघ था। नीति आयोग ने अनुमान लगाया है कि AI को अपनाने में और बढ़ावा देने से भारत की जीडीपी वर्ष 2035 तक 957 बिलियन डॉलर की वृद्धि के साथ ही वार्षिक वृद्धि दर के 1.3 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।
चार प्रकार की होती है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
Reactive Machines :- यह AI सिस्टम की सबसे पुरानी फॉर्म है। इससे पुराना डेटा संग्रहीत नही हो सकता और निर्णय लेने के लिए पिछले अनुभवों का उपयोग नही करती है। यह केवल लिमिटेड डेटा को स्टोर करके प्रतिक्रिया देती है।
Limited Memory :- इस फॉर्म की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पिछले समय का डेटा स्टोर करती है। यह पुराने डेटा का उपयोग करती है और भविष्य में होने वाली गतिविधियों के बारे में बताती है। यहां तक कि यह अपने आप ही सीखने और फैसला लेने के लिए काबिल है।
Theory of Mind :- इस प्रकार की AI मशीनों द्वारा मानव मस्तिष्क की सीमा तक पहुंच गई है। इस समय कई मशीन वॉयस असिस्टेंट के तौर पर काम कर रही हैं। फिलहाल, इस प्रकार पर काम चल रहा है।
Self-conscious :- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की इस फॉर्म पर अभी काम किया जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस के आने के बाद से रोबोट्स इंसानों की तरह यह जान सकेंगे कि उनका वजूद क्या है। और इसके बाद इंसानों और मशीनों में कोई अंतर नहीं रहेगा।
कैसे काम करती है यह तकनीक ?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग के अंतर्गत आता है। यह तकनीक हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में सपोर्ट करती है, ताकि अल्गोरिथम को आसानी से समझा जा सके। Artificial Intelligence तकनीक तीन स्किल पर काम करती है-
1. लर्निंग प्रोसेस - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक जिस पर केंद्रित है, वह है डेटा प्राप्त करना और इसे योग्य जानकारी में बदलने के लिए नियम बनाना। इन्हें एल्गोरिदम कहते है। इन एल्गोरिदम की मदद से कंप्यूटर सिस्टम अपना कार्य पूरा करते हैं। 2. रीजनिंग प्रोसेस - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस स्किल की मदद से वांछित परिणाम तक जाने के लिए सही एल्गोरिदम को चुनती है। 3. सेल्फ-करेक्शन प्रोसेस - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस स्किल के चलते एल्गोरिदम खुद को ठीक करती है, ताकि यूजर्स को सटीक परिणाम प्राप्त हो सके।
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे और नुकसान
देश के मेडिकल सेक्टर को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का सबसे अधिक फायदा मिलेगा। क्योंकि इस तकनीक के चलते एक्सरे रीडिंग जैसे कई काम आसानी से हो पाएंगे। इस तकनीक से डॉक्टर्स को अनुसंधान करने में सहायता मिलेगी। यहां तक कि इस तकनीक के जरिए मरीजों का बेहतर इलाज करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा स्पोर्ट्स के क्षेत्र में भी Artificial Intelligence तकनीक का काफी फायदा होगा। इस तकनीक के जरिए खिलाड़ी अपनी परफॉर्मेंस पर आसानी से नजर रख पाएंगे।
इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक के जरिए लोग खेल को आसानी से समझ सकेंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से विद्यालय और विश्वविद्यालय से लेकर और जो लोग कृषि के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, उन लोगों को भी काफी फायदा मिलेगा। तकनीक कोई भी हो उसके फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं AI तकनीक के आने से सबसे अधिक बेरोजगारी बढ़ेगी, क्योंकि वर्तमान में जो काम इंसान करते है भविष्य में वो काम इंसानों की जगह मशीनें करेंगी।
तकनीक- विकास का एक माध्यम
Artificial Intelligence कई दशकों से चर्चा का विषय रहा है। वैज्ञानिक इसके अच्छे और बुरे नतीजों को लेकर विचार करते रहते हैं। आज दुनिया को तेज़ी से बदलने में तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वर्तमान समय में बेहतर सुख-सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये तकनीक का बेहतर उपयोग किया जा रहा है। एक तरफ जहां तकनीक के माध्यम से विकास को गति मिली है वही दूसरी ओर इसने कई समस्याओं को जन्म भी दिया है।
इसी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनेकानेक लाभ हैं, लेकिन इसके आने से इंसानों का काम मशीनें करेंगी। मशीनें खुद से ही निर्णय लेने लगेंगी। और यदि उन्हें काबू में नहीं रखा गया तो वे मानव सभ्यता का अंत कर सकती हैं। इसलिए इसे इस्तेमाल करने से पहले लाभ और हानि को जानना काफी महत्वपूर्ण है।
सोनाली (दिल्ली विश्वविद्यालय)